Special Pmla Court Grants One More Week To Ed For Reply On Hemant Soren’s Bail Petition – Amar Ujala Hindi News Live

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Special PMLA court grants one more week to ED for reply on Hemant Soren’s bail petition

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।
– फोटो : amarujala.com

विस्तार


धनशोधन मामले में रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में रखे गए झारखंड के पूर्व सीएम की जमानत याचिका पर पीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए पीएमएलए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को एक और सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ने अदालत ने अगली सुनवाई के लिए एक मई की तारीख तय की है। 

ईडी को दिया गया एक सप्ताह का समय

बता दें कि हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में धन शोधन का आरोप है। पूर्व सीएम फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में कोर्ट द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए ईडी को एक और सप्ताह का समय दिया गया है। 

याचिका में दावा- जमानत में देरी कर रहा प्रवर्तन निदेशालय 

याचिका में दावा किया गया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जमानत में लगातार देरी की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर न आ सकें। हेमंत सोरेन की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी वर्चुअल रूप से पेश हुए। पूर्व सीएम द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि वह इस समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं, जो कि इंडी गठबंधन की सहयोगी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस समय पार्टी के चुनाव प्रचार में शामिल होने की बड़ी आवश्यकता है। आगे बताया गया है कि अगर याचिकाकर्ता को चुनाव अभियान में भाग लेने के लिए तत्काल रिहा नहीं किया जाता है, तो केंद्र सरकार अपनी इस रणनीति में सफल हो जाएगी। 

भाजपा पर लगाए ये आरोप

इससे पहले झारखंड के पूर्व सीएम ने 16 अप्रैल को विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। याचिका में यह भी कहा गया कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश रची गई। इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 23 अप्रैल तय की थी। अब कोर्ट द्वारा केंद्रीय एजेंसी को एक सप्ताह का समय और दिया गया है।



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