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आदित्य सोफत, संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Thu, 10 Oct 2024 05:00 AM IST
10 अक्तूबर को दुनियाभर में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में हम बात करें हिमाचल की तो यहां पिछले एक साल में सरकारी स्तर पर खोले गए नशा मुक्ति केंद्रों में करीब 3,500 नशा करने वाले युवाओं से यह लत छुड़वाई गई है।
प्रदेशभर में स्वास्थ्य महकमा नशा मुक्त हिमाचल बनाने में जुटा हुआ है। पिछले एक साल में सरकारी स्तर पर खोले गए नशा मुक्ति केंद्रों में करीब 3,500 नशा करने वाले युवाओं से यह लत छुड़वाई गई है। इसमें 400 युवा सोलन से ही हैं। खास बात यह है कि युवा बिना किसी दवाई से नशे की लत से दूर हो गए। चिकित्सकों ने केवल योग और प्राणायाम की सहायता से नशे की लत को छुड़वा दिया है।
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विभाग ने सोलन में सबसे पहले इसका ट्रायल किया था। इसके बाद पूरे प्रदेश में योग और प्राणायाम की सहायता से युवाओं को नशा छुड़वाने का कार्य किया। इसके माध्यम से नशा छुड़वाने में भी काफी कम समय लग रहा है। योग और प्राणायाम से मात्र तीन महीने में नशे की लत से व्यक्ति काफी दूर हो जाता है। हालांकि, यह कोर्स छह से आठ माह तक नियमित चलता रहता है। इस अवधि में जरूरी होने पर ही नशा छुड़वाने के लिए एलोपैथी दवाइयों की कम मात्रा दी जाती है।
प्रदेश में लगातार नशा बढ़ता जा रहा है। सरकारी स्तर पर प्रदेशभर में करीब छह दर्जन नशा मुक्ति केंद्र सीएचसी और क्षेत्रीय अस्पतालों में सरकार ने खोले हैं। केंद्रों में यह देखा गया है कि अधिकतर युवक और युवतियां सिंथेटिक नशे की चपेट में आए हैं। कुछ गांजा और चरस जैसे नशे के आदी हो गए हैं। ऐसे में नया तरीका अपनाकर युवाओं को इससे दूर किया जा रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एके सिंह ने बताया कि जिले में नशा करने वाले युवाओं का इलाज योग पद्धति से किया जा रहा है। योग क्रियाओं और आसनों से नशा करने वाले युवाओं को ठीक किया जा रहा है। बाद में फोन और अन्य माध्यम से फॉलोअप भी लिया जाता है।