
भेड़िये
– फोटो : Freepik
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इन दिनों यूपी के बहराइच में भेड़िया मुसीबत का सबब बना हुआ है। पर इन भेड़ियों का वास उच्च हिमालयीय क्षेत्र से लेकर मैदान तक है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्लूआईआई) के अनुसार देश में इनकी संख्या ढाई से तीन हजार तक है। यहां के विशेषज्ञों के अनुसार भेड़ियों के इंसानी पर हमले की घटना कभी-कभार होती है। इसमें एक झुंड होता है जो आसान शिकार के लिए बच्चों पर हमला करता है।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार भेड़िया बेहद चालाक होता है, इसमें सूंघने की गजब की क्षमता होती है और वह दूर से हलचल का पता कर लेता है। डब्लूआईआई के वैज्ञानिक व पीआरओ डॉ. बिलाल हबीब कहते हैं कि इन गुणों के चलते ही भेड़िये बचे हुए हैं। इनको घोस्ट आफ द ग्रासलैंड कहा जाता है। देश में इनकी संख्या ढाई से तीन हजार तक है।
झुंड में बार- बार करने लगता है हमले
इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान में अच्छी संख्या है। यूपी की बात करें तो यहां पर 50 से 60 भेड़िये हैं।उन्होंने कहा कि भेड़िये के व्यवहार में आक्रमकता नहीं आई है, ऐसा होता तो गुजरात, महाराष्ट्र आदि जगह पर 400 से 500 तक भेड़िये हैं? इसके लिए कई बार स्थितियां हो जाती हैं।
बरसात में घर के पास घास आदि बड़ी हो जाती है। खेतों में फसल लगी होती है, जो लंबी है। भेड़िया चुपके से घरों के पास पहुंच जाता है, फिर वह देखता है कि यहां से बच्चा उठाना आसान है। वहीं, बारिश में जंगल में उसका शिकार करना कठिन हो जाता है। ऐसे में एक बार वह सीख लेता है तो झुंड में वह बार- बार हमले करने लगता है।