खुदरा महंगाई
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मई में देश की थोक महंगाई दर 15 महीने के उच्च स्तर 2.61% पर पहुंच गई। अप्रैल महीने में यह 1.26 फीसदी थी। थोक खाद्य मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 5.5 प्रतिशत और मई 2023 में 4.82 प्रतिशत थी। मई में मासिक आधार पर थोक कीमतों में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
खाद्य वस्तुओं विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह (-) 3.61 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेलों, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।”
आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ी जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी। सब्जियों की मुद्रास्फीति मई में 32.42 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 23.60 प्रतिशत थी। प्याज की मुद्रास्फीति ५८ दशमलव शून्य पांच प्रतिशत और आलू की मुद्रास्फीति ६४ दशमलव शून्य पांच प्रतिशत रही। मई में दालों की महंगाई दर २१ दशमलव नौ-पांच प्रतिशत बढ़ी।
ईंधन और बिजली बास्केट में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल की 1.38 प्रतिशत की मुद्रास्फीति से थोड़ी कम है। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अप्रैल में (-) 0.42 प्रतिशत से बढ़कर 0.78 प्रतिशत हो गई।
मई के थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है।
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा है।