नाग अश्विन
– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
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लंबे इंतजार के बाद 27 जून यानी आज आखिरकार कल्कि 2898 एडी रिलीज हो गई। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का शानदार प्रतिक्रिया मिली है। एडवांस बुकिंग में ही इस फिल्म ने 50 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर बड़ी कारनामा कर दिया था। माना जा रहा है कि फिल्म का पहले दिन का कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी बहुत दमदार रहने वाला है।
कल्कि 2898 एडी की हो रही तारीफ
इस साइंस फिक्शन फिल्म का निर्देशन नाग अश्विन ने किया है। फिल्म को बनाने में उन्हें कई वर्षों का समय लगा, लेकिन लोगों से मिल रही प्रशंसा को देखकर कहा जा सकता है कि उनकी मेहनत वाकई रंग ले आई है। फिल्म के निर्देशन की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। इतने बड़े बजट की फिल्म संभालने वाले नाग अश्विन ने अपनी शुरुआत कब और कैसे की और यहां तक का उनका सफर कैसा रहा…आइए जानते हैं।
मल्टीमीडिया कोर्स में एडमिश लेकर चौंकाया
रचनात्मकता का दूसरा नाम नाग अश्विन है, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। नाग अश्विन खुद ज्यादा नहीं बात करते लेकिन उनका काम खूब बोलता है। यह बात उनकी फिल्मों ने साबित भी किया है। उनके छात्र जीवन की बात करें तो वे अपने कॉलेज के पत्रिका के संपादक रह चुके हैं। उनके माता पिता पेशे से डॉक्टर हैं। ऐसे में परिवार ने यही सोचा था कि वह भी डॉक्टर बनेंगे, लेकिन उन्होंने मल्टीमीडिया का कोर्स मेंदाखिला लेकर सभी को चौंका दिया।
ऐसे की फिल्मों में शुरुआत
उन्होंने निर्देशक शेखर कम्मुला के सहायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। चूंकि शेखर कम्मुला की फिल्म को तैयार होने में समय था, इसलिए उन्हें पहली सैलरी मांचू मनोज अभिनीत फिल्म में काम करने पर मिली। उनका पहला वेतन चार हजार रुपये था। बाद में, उन्होंने शेखर कम्मुला लीडर और लाइफ इज ब्यूटीफुल फिल्मों के लिए सहायक के रूप में काम किया।
पहली फिल्म से छाए नाग अश्विन
इसके बाद नाग अश्वन ने एक विज्ञापन फिल्म और एक लघु फिल्म की। जिसे देखने के बाद प्रोड्यूसर अश्विनीदत्त की बेटियों प्रियंका और स्वप्ना ने तुरंत उन्हें मौका दिया। नाग अश्विन ने येवडे सुब्रमण्यम की कहानी लिखी और इसका निर्देशन किया। यह फिल्म दर्शकों पर अपना जादू चलाने में कामयाब रही। नाग अश्विन के कामयाब फिल्मों में महानती का नाम भी जरूर शामिल किया जाता है। यह फिल्म भी लोगों को खूब पसंद आई थी।
कल्कि 2898 एडी लिखने में लगा इतना समय
अब नाग अश्विन कल्कि 2898 एडी लोगों के लिए लेकर आए हैं। इस फिल्म को लिखने में उन्हें लगभग पांच साल का समय लग गया। विज्ञान और पौराणिक कथा को जोड़ती हुई इस फिल्म को बनाते हुए उन्होंने आलोचनाओं की परवाह नहीं की और लगातार फिल्म पर काम करते रहे। अब रिलीज के बाद यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आ रही है।
जीत चुके हैं सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार
उनकी फिल्म महानती को साल 2019 में सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय तेलुगु फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। वहीं इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का तेलुगु फिल्मफेयर पुरस्कार जीत चुके हैं। कल्कि 2898 एडी के बाद वह जल्द ही इसका सीक्वल लेकर आने वाले हैं। अमर उजाला से खास बातचीत में उन्होंने इसको लेकर सबसे पहले खुलासा किया था।