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मोहिंद्र सिंह, संवाद न्यूज एजेंसी, धर्मशाला
Published by: अंकेश डोगरा
Updated Sat, 28 Sep 2024 04:00 AM IST
हिमाचल प्रदेश में अब सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को भी तय दरों के तहत पानी का बिल भरना होगा। जो संस्थान जितना ज्यादा पानी उपयोग करेगा, उतना ही बिल आएगा
सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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सरकार की ओर से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क पानी की योजना बंद करने के बाद अब सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को भी तय दरों के तहत पानी का बिल भरना होगा। जो संस्थान जितना ज्यादा पानी उपयोग करेगा, उतना ही बिल आएगा। इसके लिए विभाग की ओर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में मीटर लगाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। इससे जहां पानी की खपत का पता भी चलेगा और जलशक्ति विभाग इस खपत के आधार पर लोगों को बिल जारी करेगा। जानकारी के मुताबिक पूर्व सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को निशुल्क पानी देने की योजना शुरू की थी। इसके बाद कई संस्थान घरेलू कनेक्शन से ही पानी का अपनी इच्छा से उपयोग कर रहे थे।
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वहीं, विभाग को भी इसकी कोई जानकारी नहीं होती थी कि कौन कितने पानी का उपयोग कर रहा है। न ही विभाग को इसका कोई लाभ होता था। अब मीटर लगने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी और निजी संस्थानों में पानी की खपत के साथ बिल लिया जाएगा। इसके चलते सरकार के खजाने में पैसा भी जमा होगा। जिला कांगड़ा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों सरकारी और निजी संस्थान चल रहे हैं। अब सरकार को सीधे तौर पर इन संस्थानों से पानी की खपत के हिसाब से आमदनी आनी शुरू हो जाएगी।
जलशक्ति विभाग कांगड़ा के मुख्य अभियंता सुरेश महाजन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट संस्थानों का पानी का बिल आएगा। इसके लिए जिलाभर में इन संस्थानों में मीटर लगाए जाएंगे ताकि इससे यह पता चल सके कि किस संस्थान में कितने पानी की खपत की है। इसके बाद उन्हें पानी की खपत के हिसाब से बिल जारी किया जाएगा।