चालक बहुत तेज रफ्तार में बस दौड़ा रहा था। हमें डर लग रहा था। बस में सवार सभी यात्री चिल्ला-चिल्लाकर चालक को रफ्तार कम करने के लिए कह रहे थे, लेकिन उसने नहीं सुना और बेफ्रिक होकर पहाड़ी रास्तों पर बस दौड़ाता रहा। चालक की मनमानी के कारण ही बस खाई में गिर गई।
यह कहना है गंगनानी बस हादसे में घायल यात्रियों का। जिला अस्पताल में भर्ती यात्रियों ने हादसे की आपबीती सुनाते हुए कहा कि गंगनानी में हुआ हादसा बस चालक की मनमर्जी और लापरवाही के कारण हुआ है।
जिला अस्पताल में भर्ती नैनीताल के लालकुआं निवासी मोहनचंद्र व यूएस नगर की कल्पना रावत ने बताया कि मंगलवार को सुबह तीन बजे वह गंगोत्री धाम के दर्शन कर भटवाड़ी लौट रहे थे। जब बस जाम में फंसी तो उसके बाद चालक बस को तेजी से दौड़ा रहा था। उन्होंने और अन्य यात्रियों ने चालक को कई बार बस की गति कम करने को कहा। लेकिन वह नहीं माना। चढ़ाई के बाद उतरते समय अचानक तीव्र मोड़ आया, जिस पर चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और बस खाई में जा गिरी।
कल्पना रावत ने बताया कि बस की गति इतनी तेज थी कि उन्हें लग गया था कि कुछ बुरा होने वाला है। ऐसा सोचा ही था कि पलक झपकते ही बस सीधे सड़क से लुढ़कते हुए खाई में जा गिरी। गनीमत रही कि बस पेड़ पर अटक गई। बस पेड़ पर नहीं अटकती तो शायद कोई नहीं बचता। बस को सैंज भटवाड़ी पहुंचना था। जो कि घटनास्थल से करीब 18 किमी दूर था। सैंज पहुंचने से पहले ही बस हादसे का शिकार हो गई।
हादसे वाले दिन ही बस में सवार हुए थे लीलाधर
हादसे में घायल मोहनचंद्र ने बताया कि बस में दो सीटें खाली थी। हादसे वाले दिन ही लीलाधर पांडेय दूसरी बस से उनकी बस में सवार हुए थे। लीलधर के सिर में गंभीर चोट आई है। उन्हें ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है।
साथियों ने स्थगित की यात्रा
कल्पना रावत ने बताया कि उनके साथ 72 यात्रियों का जत्था चारधाम यात्रा पर आया था। जो दो बसों में सवार थे। लेकिन हादसे के बाद अन्य यात्रियों ने भी यात्रा स्थगित कर दी है। कल्पना रावत ने बताया कि अब हादसे के बाद उनका कोई भी साथी यात्रा नहीं करना चाहता। जबकि उन्हें गंगोत्री व यमुनोत्री दर्शन के बाद केदारनाथ रवाना होना था।
कुछ घायल यात्रियों ने सुबह चार बजे गंगोत्री धाम के लिए प्रस्थान करने की बात कही थी। तीन बजे रात प्रस्थान करना तो बहुत जल्दी है। ऐसा कुछ है तो इसकी जांच की जाएगी।