Uttarakhand Slums Will Be Surveyed In State After 13 Years Population And Facilities Will Be Ascertained – Amar Ujala Hindi News Live

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Uttarakhand Slums will be surveyed in state after 13 years population and facilities will be ascertained

बस्तियों का होगा सर्वे
– फोटो : freepik.com

विस्तार


उत्तराखंड की मलिन बस्तियों की आबादी, सुविधाओं, स्वास्थ्य की ताजा जानकारी 13 साल बाद मिलेगी। राज्य में 2011 में मलिन बस्तियों का सर्वे हुआ था। अब शहरी विकास विभाग ने दोबारा सर्वे शुरू किया है।

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ताजा रिपोर्ट के आधार पर जहां मूलभूत सुविधाएं देना आसान होगा, वहीं बस्तियों के विस्थापन का काम भी बेहतर हो सकेगा। प्रदेश में जुलाई 2010 से मई 2011 के बीच हुए सर्वे में 582 मलिन बस्तियां चिह्नित की गईं थीं। इनमें से 3.4 प्रतिशत बस्तियां खतरनाक क्षेत्रों में, 43 प्रतिशत बाढ़ क्षेत्र में और 42 प्रतिशत गैर अधिसूचित क्षेत्रों में स्थापित थीं। 55 प्रतिशत लोगों के पास अपना आवास था। 29 प्रतिशत के बाद आधा पक्का आवास और 16 प्रतिशत के पास कच्चा आवास था। 86 प्रतिशत के पास बिजली कनेक्शन था। 582 में से 71 बस्तियां सीवेज नेटवर्क से जुड़ी थीं। 95 कम्युनिटी हॉल थे, 651 की जरूरत थी। 15 प्रोडक्शन सेंटर थे जबकि 536 की जरूरत थी।

252 आंगनबाड़ी व प्री स्कूल उपलब्ध थे, जबकि 689 की और जरूरत थी। प्राइमरी स्कूलों के 244 कक्ष थे, जबकि 590 की और जरूरत थी। 93 हेल्थ सेंटर थे और 453 अतिरिक्त की जरूरत थी। अब ताजा सर्वे से ये स्पष्ट होगा कि प्रदेश में मलिन बस्तियों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी हुई है। उनका क्षेत्रफल अब कितना बढ़ा है। आबादी, मूलभूत सुविधाओं की क्या स्थिति है। विस्थापन नीति के तहत कितनी बस्तियों का विस्थापन हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार इन बस्तियों के लिए आगे की ठोस कार्ययोजना बनाएगी।

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