उत्तराखंड निकाय चुनाव
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निकाय चुनाव में इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा बढ़ाने के साथ ही कड़े नियम भी लागू कर दिए हैं। सभासद सदस्य हो या नगर निगम मेयर प्रत्याशी, चुनावी खर्च का ब्योरा प्रमाण के साथ न देने पर आयोग तीन साल का प्रतिबंध लगा देगा। इसके बाद वह कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने अधिकतम निर्वाचन व्यय और उसकी लेखा परीक्षक आदेश 2024 जारी किया है। इसमें स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि हर उम्मीदवार की ओर से जमा चुनावी खर्च के लेखों का निरीक्षण करने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ये देखेंगे कि सभी दस्तावेज सही हैं या नहीं।
अगर नहीं तो उसकी जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजनी होगी। जिसकी कॉपी नोटिस बोर्ड पर चस्पा भी करनी होगी। आयोग ऐसे उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस जारी करके 20 दिन के भीतर जवाब मांगेगा। इसके बाद भी खर्च का सही ब्योरा न दिया तो आयोग उस प्रत्याशी के चुनाव लड़ने पर तीन साल का प्रतिबंध लगा देगा।