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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Thu, 03 Oct 2024 04:00 AM IST
पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी।
उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार – फोटो : ANI
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महज 10 महीनों बाद ही एक बार फिर से पुलिस के नए निजाम की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। तीन दिन पहले नियमित डीजीपी के चुनाव के लिए डीपीसी हुई, जिसके बाद शासन को तीन नाम भेजे गए हैं। फिजाओं में जो बातें तैर रही हैं, उनमें मौजूदा डीजीपी के नाम की चर्चा बिल्कुल नहीं है। तीनों नाम प्रदेश कैडर के ही अधिकारियों के हैं। अब पलड़ा किसका भारी होगा यह देखने वाली बात होगी।
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पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी। इसके तहत कहा गया था कि जहां डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। इस बीच देश के कई राज्यों को सुप्रीम कोर्ट से इस व्यवस्था को लेकर फटकार भी पड़ी। ऐसे में यहां भी नियमित डीजीपी की खोज की जाने लगी। इसके लिए प्रदेश के सात पुलिस अधिकारियों के नाम फिर यूपीएससी को भेजे गए।