सीएम योगी
– फोटो : amar ujala
विस्तार
प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं आदि में पेपर लीक कराने और सॉल्वर गैंग के गिरोह के सदस्यों को आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये जुर्माने तक की सजा होगी। सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किए गए उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक में इसका प्रावधान किया गया है।
Trending Videos
इस विधेयक के दायरे में उन कर्मचारियों को भी लाया गया है, जिनके द्वारा परीक्षा संबंधी कार्य के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने पर पेपर लीक की घटना होगी। ऐसे कर्मियों को सात साल तक की सजा और जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा।
विधेयक में परीक्षा संबंधी कार्य करने वाली कंपनियों को भी उत्तरदायी बनाते हुए दंडित करने का नियम बनाया गया है। वहीं पेपर लीक गिरोह और सॉल्वर गिरोह के सदस्यों की संपत्तियों को भी जब्त किया जा सकेगा।
वहीं अनुचित साधनों में कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स के इस्तेमाल के इस्तेमाल अथवा उससे छेड़खानी को भी दायरे में लाया गया है। हालांकि इसमें सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। फर्जी प्रवेश पत्र अथवा ऑफर लेटर जारी करने पर भी सजा होगी। इस अधिनियम के अधीन दंडनीय अपराध संज्ञेय, गैर-जमानतीय, अशमनीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय होंगे।