लोकसभा में फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद व अखिलेश यादव।
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सपा ने विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए गुणा-भाग शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टी प्रत्याशियों की घोषणा करने के लिए भाजपा के रणनीतिक पत्तों के खुलने का इंतजार करेगा। लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित सपा नेतृत्व ने इस चुनाव में भी जी-जान से जुटने का कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है।
बता दें कि सीसामऊ (कानपुर) की सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि अन्य नौ के विधायकों के सांसद चुने जाने से उपचुनाव हो रहा है। इनमें से पांच सीटें करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी अभी सपा के पास थीं जबकि खैर, गाजियाबाद और फूलपुर सीट भाजपा, मझवा निषाद पार्टी और मीरापुर रालोद ने जीती थी।
करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने से रिक्त हुई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यहां से अखिलेश परिवार के तेज प्रताप सिंह यादव को उतारा जाना करीब-करीब तय है। सपा के लिए सबसे अहम सीट अयोध्या की मिल्कीपुर है, क्योंकि फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट को जीतना सपा बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है। मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत भी टिकट के दावेदार हैं। सूत्रों के मुताबिक, सपा नेतृत्व नहीं चाहता है कि अवधेश की जीत से बने माहौल को कोई नुकसान पहुंचे, इसलिए उनके बेटे के बजाय किसी अन्य को लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। मिल्कीपुर सीट पर सपा के पास कई मजबूत दावेदार हैं।
कटेहरी सीट लालजी वर्मा के सांसद चुने जाने से खाली हुई है। यहां उनकी बेटी छाया वर्मा को लड़ाने की चर्चाएं उठ रही हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वहां से किसी ब्राह्मण या मांझी दावेदार को मौका मिल सकता है। सीसामऊ से इरफान सोलंकी के परिवार के ही सदस्य को उतारा जा सकता है। कानपुर से सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी की पत्नी वंदना वाजपेयी या परिवार के किसी अन्य सदस्य के नाम पर भी विचार चल रहा है। कुंदरकी से तुर्क मुस्लिम को उतारा जाना लगभग तय है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रत्याशियों को देखते हुए पार्टी अपने जातिगत समीकरणों का आकलन करेगी और उसी के आधार पर रणनीति बनाएगी। यही वजह है कि मीरापुर (मुजफ्फरनगर) सीट पर मुस्लिम, गुर्जर और जाट दावेदारों के नाम पर विचार किया जा रहा है। खैर (अलीगढ़) में निर्दल प्रत्याशी के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर चुकीं एक नेता के नाम पर विचार चल रहा है। रालोद के एक नेता भी टिकट के लिए सपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं। फूलपुर से पटेल या कुशवाहा बिरादरी के नेता पर सपा दांव लगाएगी। मझवा (मिर्जापुर) में ब्राह्मण या बिंद बिरादरी के नेता को मौका मिल सकता है। गाजियाबाद में जाट और दलित समीकरणों पर विचार हो रहा है।