मुठभेड़ में पकड़े गए आरोपी
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मोहाली पुलिस ने वीरवार को मुठभेड़ के बाद बंबीहा गैंग के दो गैंगस्टरों गिरफ्तार कर लिया। क्रॉस फायरिंग में दोनों गैंगस्टरों को गोली लगी। घायल गैंगस्टरों की पहचान विक्रम राणा उर्फ हैप्पी निवासी त्यूड़ और किरण सिंह उर्फ धनवा निवासी खरड़ के रूप में हुई है। दोनों को फेज-6 के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पकड़े गए दोनों गैंगस्टर 7 मई को खरड़ के गांव चंदो में हुई बाउंसर व जिम ट्रेनर मनीष कुमार (27) की हत्या में शामिल थे।
मुठभेड़ दोपहर करीब डेढ़ बजे न्यू चंडीगढ़ (मुल्लांपुर) में होमी भाभा कैंसर अस्पताल से कुछ दूर स्थित सुनसान जगह पर हुई। पकड़े गए दोनों गैंगस्टर विक्रम राणा और किरण सिंह गैंगस्टर लक्की पटियाल के लिए काम कर रहे थे। दोनों गैंगस्टरों के खिलाफ मुल्लांपुर थाने में हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले दोनों के खिलाफ खरड़ थाने में हत्या का मामला दर्ज है। पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों गैंगस्टरों से दो पिस्टल, एक कारतूस व तीन खोल बरामद किए हैं।
बाउंसर मनीष कुमार की गोलियां बरसाकर हत्या करने के मामले में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स, स्पेशल सेल व सीआईए टीम आरोपियों की तलाश में जुटी थी। स्पेशल सेल की टीम में तैनात डीएसपी गुरशेर संधू, इंस्पेक्टर शिव कुमार व उनकी टीम को इनपुट मिला कि दो गैंगस्टर मुल्लांपुर में न्यू चंडीगढ़ एरिया में घूम रहे हैं। इन्हीं गैंगस्टरों ने दो दिन पहले बाउंसर मनीष की गोलियां बरसाकर हत्या की थी। सूचना पर स्पेशल टीम तुरंत गैंगस्टरों की तलाश में जुट गई। इसी बीच होमी भाभा कैंसर अस्पताल से कुछ दूर स्थित सड़क किनारे एक बाइक खड़ी दिखी। पुलिस ने जब तलाशी शुरू की तो दोनों गैंगस्टर झाड़ियों में नशा करते दिखे। पुलिस की गाड़ी देखकर दोनों गैंगस्टरों ने भागने का प्रयास किया। एक गैंगस्टर ने बाइक भगाने की कोशिश की तो पुलिस ने अपनी गाड़ी आगे लगाकर बाइक को घेर लिया। इस पर गैंगस्टरों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। गैंगस्टरों ने पुलिस पर तीन से चार फायर किए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को भी फायरिंग करनी पड़। पुलिस की एक गोली विक्रम राणा के पैर और एक गोली किरण सिंह की कमर में लगी, जिससे दोनों घायल हो गए।
मनीष ने फ्लैक्सी जिम में अखिल पर बरसाई थीं गोलियां
मनीष और उसके साथियों ने वर्ष 2016 में चंडीगढ़ सेक्टर-26 स्थित फ्लैक्सी जिम में अखिल नाम के युवक पर गोलियां चलाई थीं। दरअसल, फ्लैक्सी जिम में वे मीत बाउंसर की हत्या करने गए थे। उन्हें सूचना मिली थी कि मीत बाउंसर जिम में मौजूद है, लेकिन वहां मीत बाउंसर की जगह उसका साथी अखिल मिला। तब अखिल के पेट पर गोलियां दागी गई थीं, लेकिन वह बच गया था। इस मामले में मनीष समेत पांच लोगों के खिलाफ सेक्टर-26 थाने में इरादा-ए-कत्ल का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में सभी को पांच-पांच साल की सजा हुई थी। डेढ़-डेढ़ साल सजा काटने के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत मिल गई थी। बाद में मीत बाउंसर की पंचकूला के सकेतड़ी स्थित शिव मंदिर के पास दिनदहाड़े गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। अखिल और मनीष बंबीहा गैंग से जुड़े थे, इसलिए बंबीहा गैंग ने मनीष की हत्या करवाई।
मनीष की गैंगस्टर विक्रम राणा से थी दुश्मनी
बाउंसर मनीष कुमार उर्फ मनी गांव त्यूड़ का रहने वाला था। वीरवार को मुठभेड़ में घायल गैंगस्टर विक्रम राणा उर्फ हैप्पी भी उसी गांव का रहने वाला है। दोनों के बीच कुछ समय पहले बहस हुई थी, जिससे दोनों में दुश्मनी हो गई थी। हैप्पी लक्की पटियाल गैंग के लिए काम करता था। लक्की पटियाल ही बंबीहा ग्रुप का मुख्य हैंडलर है। लक्की पटियाल के कहने पर विक्रम ने किरण उर्फ धनवा के साथ मिलकर बाउंसर मनीष कुमार की हत्या कर दी। हत्या के बाद बंबीहा ग्रुप ने सोशल मीडिया पर बाउंसर मनीष के मर्डर की जिम्मेदारी ली थी। पूछताछ में सामने आया है कि किरण उर्फ धनवा के खिलाफ पहले भी 2022 में आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज है।
पंजाब में अब गैगस्टरवाद की कोई जगह नहीं : मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को मुल्लांपुर में मुठभेड़ के बाद दो गैंगस्टरों की गिरफ्तारी पर पंजाब पुलिस की सराहना की और अपने एक्स अकाउंट के जरिये दोनों गैंगस्टरों के पकड़े जाने की जानकारी दी। सीएम मान ने एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने दो गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पंजाब में गैंगस्टरवाद के लिए अब कोई जगह नहीं है। जो कोई भी कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, उसे याद रखना चाहिए कि गैंगस्टरों को अब कोई राजनीतिक संरक्षण नहीं है। पंजाब में ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।