{“_id”:”67698c74c6e2b9bd070fd71d”,”slug”:”trai-new-rule-mandates-telecom-company-to-issue-recharge-voucher-for-only-voice-sms-2024-12-23″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”TRAI: मोबाइल यूजर्स के लिए बड़ी राहत, दूरसंचार कंपनियों को वॉयस कॉल और SMS के जारी करने होंगे ‘रिचार्ज पैक'”,”category”:{“title”:”Business Diary”,”title_hn”:”बिज़नेस डायरी”,”slug”:”business-diary”}}
फोन कॉल – फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को टैरिफ नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को डाटा का उपयोग नहीं करने वाले ग्राहकों के लिए सिर्फ वॉयस कॉल, एसएमएस के लिए भी रिचार्ज कूपन मुहैया कराना होगा। अभी कंपनियां, इंटरनेट डाटा, वॉयस कॉल और एसएमएस रिचार्ज कूपन मुहैया कराती हैं। साथ ही ट्राई ने विशेष रिचार्ज कूपन पर 90 दिनों की सीमा को हटा दिया और इसे 365 दिनों तक बढ़ा दिया।
Trending Videos
365 दिनों की होगी वैधता
ट्राई ने दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण (बारहवां संशोधन) विनियम, 2024 में कहा है कि सेवा प्रदाता को कम से कम एक विशेष टैरिफ वाउचर विशेष रूप से वॉयस और एसएमएस के लिए मुहैया कराना होगा। इसकी वैधता अवधि 365 दिनों से अधिक नहीं होगी। इस फैसले से उन उपभोक्ताओं को फायदा होगा जो इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल नहीं करते हैं और केवल वॉयस कॉल व एसएमएस का उपयोग करते हैं।
कम से कम 10 रुपए का कूपन जारी करना होगा
ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को किसी भी मूल्य के रिचार्ज वाउचर जारी करने की अनुमति दी है, लेकिन उन्हें कम से कम 10 रुपये का रिचार्ज कूपन भी जारी करना होगा। इससे पहले, नियम ने दूरसंचार ऑपरेटरों को 10 रुपये और 10 के गुणकों में टॉप-अप वाउचर जारी करने की अनुमति दी थी। परामर्श प्रक्रिया के दौरान ट्राई को विभिन्न विचार मिले थे। इनमें कई वरिष्ठ नागरिकों, घरों में ब्रॉडबैंड वाले परिवारों आदि को अपने मोबाइल फोन के लिए डाटा के साथ रिचार्ज प्लान की आवश्यकता नहीं होना शामिल था।
स्पष्टीकरण नोट में ट्राई ने कहा कि उसका मानना है कि मौजूदा डाटा-ओनली एसटीवी और बंडल ऑफर के अतिरिक्त वॉयस और एसएमएस के लिए एक अलग एसटीवी अनिवार्य किया जाना चाहिए। केवल वॉयस और एसएमएस एसटीवी को अनिवार्य करने से उन ग्राहकों को विकल्प मिलेगा जिन्हें डाटा की आवश्यकता नहीं है और यह किसी भी तरह से डाटा समावेशन की सरकारी पहल के उलट नहीं होगा क्योंकि सेवा प्रदाताओं को बंडल ऑफर और केवल डाटा वाउचर देने की स्वतंत्रता है।