{“_id”:”679fc4223ce7f730b604447a”,”slug”:”thrusters-failed-to-fire-to-put-isro-nvs-02-satellite-into-orbit-2025-02-03″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”ISRO: अंतरिक्ष एजेंसी को लगा झटका, एनवीएस-02 उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के लिए थ्रस्टर्स फायर नहीं हुए”,”category”:{“title”:”India News”,”title_hn”:”देश”,”slug”:”india-news”}}
एनवीएस-02 उपग्रह – फोटो : वीडियो ग्रैब/यू-ट्यूब इसरो
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इसरो को बड़ा झटका लगा है। अंतरिक्ष एजेंसी एनवीएस-02 उपग्रह को जिस कक्षा में स्थापित करना चाहती थी, उस कक्षा में स्थापित नहीं कर सकी। इसरो ने रविवार को बताया कि इसके पीछे का कारण यह रहा कि अंतरिक्ष यान में लगे थ्रस्टर्स काम नहीं कर पाए। हालांकि, इसरो के वैज्ञानिक वैकल्पिक उपाय करने का प्रयास कर रहे हैं।
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भारत के अपने अंतरिक्ष-आधारित नेविगेशन सिस्टम के लिए इसरो ने एनवीएस-02 उपग्रह को 29 जनवरी को जीएसएलवी-एमके 2 रॉकेट पर लॉन्च किया था, जो श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से इसरो का 100वां लॉन्च था।
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर दिया उपग्रह का अपडेट
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर जीएसएलवी-एफ 15 मिशन के अपडेट में कहा, ‘उपग्रह को निर्दिष्ट कक्षीय स्लॉट में स्थापित करने की दिशा में कक्षा बढ़ाने का काम नहीं किया सका, क्योंकि कक्षा बढ़ाने के लिए थ्रस्टर्स को फायर करने के लिए ऑक्सीडाइजर को प्रवेश देने वाले वाल्व नहीं खुले। इस वजह से उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा एक अंडाकार भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में घूम रहा है, जो नेविगेशन के लिए उपयुक्त नहीं है।’
उपग्रह की प्रणाली स्वस्थ: इसरो
हालांकि, इसरो ने कहा है कि उपग्रह की प्रणाली स्वस्थ है और अब उपग्रह को अंडाकार कक्षा में विचरण के लिए वैकल्पिक रणनीतियों पर काम किया जा रहा है। जीएसएलवी रॉकेट द्वारा उपग्रह को जीटीओ में सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद, उपग्रह पर लगे सौर पैनल सफलतापूर्वक तैनात किए गए और बिजली उत्पादन नाममात्र था।
ग्राउंड स्टेशन के साथ संचार स्थापित हुआ
इसरो ने यह भी कहा कि ग्राउंड स्टेशन के साथ संचार स्थापित हो गया है। जीएसएलवी पर प्रक्षेपण सफल रहा, क्योंकि सभी चरण सही तरीके से पूरे हुए। कक्षा को उच्च स्तर की सटीकता के साथ प्राप्त किया गया।