
बादल फटना।
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
पहाड़ों पर बादल फटने की शुरू हुई घटनाएं अब लगातार अपना विस्तार लेती जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश के हिस्से में शुरू हुआ बादल फटने का सिलसिला अब जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक पहुंच चुका है। हालात यह हो गए हैं कि बीते 24 घंटे के भीतर इन तीन राज्यों में तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा क्लाउड बर्स्ट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अभी जिस तरीके की परिस्थितिययां बनी हुई हैं, उससे अगले 8 दिनों तक पहाड़ी इलाकों में अलग-अलग जगह पर न सिर्फ भारी बारिश की आशंका बनी हुई है, बल्कि कई इलाकों में अभी भी क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं सामने आ सकती हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस तरीके की घटनाओं को लेकर आपसी समन्वय के साथ सुरक्षा इंतजामों को लेकर पूरी तरीके से मुस्तैद है। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के पश्चिमी हिमालय में कम दबाव का क्षेत्र लगातार बना हुआ है। जिसके चलते क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं।
भीतर 48 घंटे के भीतर हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में तकरीबन 6 जगह पर क्लाउड बर्स्ट की सूचनाएं आ चुकी हैं। जबकि उत्तराखंड और जम्मू के पंपोर इलाके में भी बादल फटे हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ अखिलेश चंद्र बताते हैं कि जिस तरीके का दबाव क्षेत्र उत्तर भारत के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बना हुआ है, वह अभी तकरीबन आठ दिनों तक वैसा ही रहेगा। ऐसी परिस्थितियों के दौरान लगातार तेज बारिश और क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं आगे भी हो सकती हैं।
डॉ. अखिलेश कहते हैं कि शुक्रवार की सुबह जिस तरीके से जम्मू कश्मीर के इलाके के छोटे हिस्से में ही सही, लेकिन क्लाउड बर्स्ट की घटना हुई है, वह अगले कुछ दिनों के लिए अलार्मिंग है। इसकी वजह बताते हुए मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अखिलेश कहते हैं कि इन इलाकों में लगातार कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। वह कहते हैं कि कम दबाव के बन रहे क्षेत्र में क्लाउड बर्स्ट जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं। क्योंकि बारिश भी लगातार हो रही है, ऐसे में पहाड़ी इलाकों में हालात फिलहाल खतरे जैसे ही बने हुए हैं।