हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रोबोटिक सर्जरी में याचिकाकर्ता कंपनी की ओर से किसी दूसरी कंपनी को बिड न देने को लेकर दायर अर्जी खारिज कर दी है। कंपनी की ओर से हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया जाए, ताकि वो दिखा सके कि कंपनी के पास रोबोटिक सर्जरी करने के लिए सक्षम उपकरण है। कंपनी ने आरोप लगाए कि टेंडर करते वक्त सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है। उन्हें बराबर मौका नहीं दिया गया है। उन्होंने याचिका में बिड को दूसरी कंपनी को देने पर रोक लगाने को कहा था। न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ डाक्टरों की कमेटी ने कंपनी के उपकरणों में कमी पाई है। इस वजह से सरकार याचिकाकर्ता की ओर से की गई मूल्यांकन की प्रक्रिया को फिर से नहीं कर सकती है।