आगामी सत्र से बढ़ेगी फीस
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दिल्ली विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से छात्रों को बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना होगा। फीस संशोधन कमेटी की सिफारिशों को कुलपति की मंजूरी के बाद डीयू की शनिवार को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में रिपोर्टिंग आइटम के रुप में रखा गया। ईसी सदस्यों के विरोध के बाद फीस बढ़ोतरी को वापस नहीं लिया गया। इस तरह से अब छात्रों को बीटेक प्रोग्राम, पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम (बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी), इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटेप), विदेशी छात्रों के लिए, पीएचडी व एनसीवेब (नॉन कॉलेजियट महिला शिक्षा बोर्ड) में दाखिला लेने पर बढ़ी फीस का भुगतान करना होगा। बीटेक कोर्स में तो अगले चार साल तक फीस बढ़ेगी।
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कार्यकारी परिषद सदस्य अमन कुमार ने बताया कि फीस बढ़ोतरी को ईसी में रखा गया लेकिन इसे वापस नहीं लिया गया है। इस तरह से आगामी शैक्षणिक सत्र से फीस बढ़ जाएगी। बीटेक के इस साल के फीस ढांचे पर नजर डालें तो फीस में वार्षिक आठ हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में बीटेक की फीस वार्षिक 216000 है, जिसे बढ़ाकर 224000 किया जाएगा। जबकि लॉ प्रोग्राम में वर्तमान फीस 190000 है, जो कि बढ़कर 199700 हो जाएगी। वहीं एनसीवेब के बीए व बीकॉम प्रोग्राम में जो फीस 3200-3600 तक थी, वह बढ़कर 7130 रुपये तक हो जाएगी। वहीं दानदाताओं के नाम पर इमारत का नाम रखने देने के प्रस्ताव को बैठक में ड्राप कर दिया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1270वीं बैठक शनिवार को हुई। सुबह शुरू हुई बैठक रात आठ बजे के बाद समाप्त हुई। दानदाताओं के नाम पर इमारत का नाम रखने देने के प्रस्ताव को ड्राप किया गया। बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया। बैठक के आरंभ में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कुलपति ने बताया कि एफएसएस योजना के तहत 1669 विद्यार्थियों को एक करोड़, 20 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है। बैठक के दौरान 12 कॉलेजों को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट को पटल पर रखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये 12 कॉलेज डीयू का अभिन्न अंग हैं।