South Africa General Election Results Starts Coming Trends Shows Anc Losing After 30 Years – Amar Ujala Hindi News Live

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south africa general election results starts coming trends shows anc losing after 30 years

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा
– फोटो : एएनआई/रायटर्स

विस्तार


दक्षिण अफ्रीका में बुधवार को आम चुनाव के लिए वोट डाले गए थे, अब चुनाव नतीजे के शुरुआती रुझान आने शुरू हो गए हैं। शुरुआती रुझानों से ऐसा लग रहा है कि सत्ताधारी एएनसी पार्टी बहुमत से दूर रह सकती है। हालांकि अभी साफ तौर पर ये कहना जल्दबाजी है क्योंकि देश के 23 हजार मतदान केंद्रों पर वोटों की गिनती जारी है और रविवार तक ही चुनाव नतीजे स्पष्ट हो सकेंगे। 

शुरुआती रुझानों में पिछड़ी एएनसी

दक्षिण अफ्रीका के चुनाव आयोग इंडीपेंडेंट इलेक्टोरल कमीशन ने गुरुवार को सुबह 11 बजे तक के मतदान आंकड़े साझा किए। अभी तक 14 प्रतिशत वोटों की गिनती ही हुई है और इसमें एएनसी को 43 प्रतिशत मत मिले हैं। विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस को 26 प्रतिशत और इकॉनोमिक फ्रीडम फाइटर्स को 8 प्रतिशत मत मिले हैं। दक्षिण अफ्रीका में इस बार के आम चुनाव को लेकर काफी चर्चा है और 52 राजनीतिक पार्टियां चुनाव मैदान में हैं। भ्रष्टाचार, आधारभूत ढांचे के विकास में कमी जैसे मुद्दों पर सत्ताधारी एएनसी आलोचना के घेरे में हैं। 

चुनाव पूर्वानुमानों में भी एएनसी को बहुमत से दूर बताया गया है। अगर ऐसा होता है तो ये 30 वर्षों में पहली बार होगा, जब एएनसी को बहुमत नहीं मिलेगा। एएनसी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म होने के बाद से और इसके महान नेता नेल्सन मंडेला के पहली बार लोकतांत्रिक रूप से सत्ता में आने के बाद से ही लगातार सत्ता में बनी हुई है। हालांकि राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को उम्मीद है कि इस बार फिर लोग उनकी पार्टी को समर्थन देंगे। 

जैकब जूमा के गृहराज्य में भी एएनसी का बुरा हाल

दक्षिण अफ्रीका के क्वाजुलू-नटाल प्रांत में एएनसी बुरी तरह से पिछड़ रही है और एक नई पार्टी एमके पार्टी को इस राज्य में सुबह 11 बजे तक 42 प्रतिशत मत मिले थे। एमके पार्टी पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की पार्टी है और नटाल जूमा का गृह राज्य है। इस राज्य में जैकब जूमा का जबरदस्त आधार है। यही वजह है कि यहां एएनसी बुरी तरह पिछड़ गई है। न्यायालय की अवमानना के मामले में जैकब जूमा को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है। हालांकि जैकब जूमा की तस्वीर बैलेट पेपर है क्योंकि आदेश आने तक बैलेट पेपर छप गए थे। यही वजह रही कि अंतिम समय में करोड़ों बैलेट पेपर छापने की बजाय जैकब जूमा की तस्वीर वाले बैलेट पेपर्स का ही इस्तेमाल किया गया। 

 



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