पेरिस ओलंपिक 2024 अपने चरम पर पहुंच चुका है। भारतीय खिलाड़ियों ने हर बार की तरह इस बार भी खेलों के महाकुंभ में अपने प्रदर्शन से अलग छाप छोड़ी है। कुश्ती में भारतीय पुरुष पहलवान अमन सहरावत ने शुक्रवार को कांस्य पदक जीता। इससे पहले महिला पहलवान विनेश फोगाट भी फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने की दावेदार थीं, लेकिन आखिरी समय में कैटेगरी से 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस मामले ने सभी को हैरान कर दिया। अब इस मुद्दे पर भारत की महिला पहलवान शिवानी पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विनेश के फाइनल से बाहर होने पर वह दुखी हैं।
Trending Videos
विनेश फोगाट के साथ हुए घटनाक्रम के बाद शिवानी पवार चर्चओं में बनी हुई हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनका एक बयान है जिसमें उन्होंने ओलंपिक के लिए ट्रायल प्रक्रिया को लेकर कुछ ऐसा खुलासा किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया। इस विषय पर चर्चा से पहले हम आपको शिवानी पवार के विषय में बताएंगे। आइये जानते हैं…
फुटबॉल से हुई शुरुआत
शिवानी पवार का जन्म मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के गांव उमरेठ में 11 दिसंबर, 1998 को हुआ था। वह राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन हैं। शिवानी के माता-पिता किसान हैं और खेती-बाड़ी से उनका घर चलता है। शिवानी बचपन से ही खेलों में रुचि रखती हैं। उन्होंने शुरुआत फुटबॉल से की थी। हालांकि, बाद में उनका ध्यान कुश्ती की तरफ बढ़ गया। एक इंटरव्यू के दौरान शिवानी की मां ने बताया था कि बेटी के कुश्ती लड़ने से उनके रिश्तेदार और पड़ोसी ज्यादा खुश नहीं थे। उन्होंने कहा, “पड़ोसी और दूसरे लोग थे जो हमसे कहते थे कि हमें अपनी लड़की को कुश्ती नहीं करने देना चाहिए। शिवानी को खेल इतना पसंद है कि उसने मुझसे कहा कि मैं कभी किसी से बात नहीं करुंगी जो मुझे कुश्ती छोड़ने के लिए कहता है।”
शिवानी की उपलब्धियां
2021 में शिवानी ने सर्बिया के बेलग्रेड में अंडर 23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं के 50 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता था। इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाली वह पहली भारतीय बनीं थीं। उन्होंने कनाडा में विश्व पुलिस और फायर गेम्स के दौरान 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक भी जीता है। 2024 में उन्होंने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 50 किलोग्राम वर्ग में तीसरा स्थान हासिल किया था।
ओलंपिक के लिए नहीं मिला मौका
एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने तीन बार की विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता पहलवान को पटखनी दी थी और पदक जीता था। शिवानी भी 50 किग्रा वर्ग में ही खेलती हैं। शिवानी बीते तीन साल से ओलंपिक की तैयार कर रही थीं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। किर्गिस्तान के बिश्चेक में हुई एशियाई महिला कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने 50 किग्रा वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।