1 of 7
हाथरस में सात की मौत
– फोटो : अमर उजाला
संभागीय परिवहन विभाग ने मथुरा बरेली मार्ग पर हुए हादसे में प्रथम दृष्टया कैंटर चालक की लापरवाही मानी है। एआरटीओ लक्ष्मण प्रसाद ने बताया कि हादसे के बाद मौका मुआयना करने में सामने आया कि सवारी वाहन टाटा मैजिक नम्बर यूपी82टी2578 हाथरस की ओर से आ रहा था। इस दौरान सिकन्दराराऊ की ओर से आ रहे कैंटर संख्या एनएल01-एई5740 ने किसी वाहन को तेज गति से आवेरटेक किया और सामने से आ रहे मैजिक को टक्कर मार दी।
2 of 7
हाथरस हादसे के मृतक
– फोटो : अमर उजाला
एआरटीओ का कहना है कि दोनों ही वाहनों की फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण आदि सभी दस्तावेज पूर्ण पाए गए हैं। टाटा मैजिक नम्बर यूपी82टी2578 एटा एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत था। यह वाहन किशन पाल पुत्र सौदान सिंह, निवासी गांव रेवाड़ी सकीट जनपद एटा के नाम पंजीकृत है। कैंटर संख्या एनएल01एई5760 नागालैंड में कोहिमा जनपद में पंजीकृत है। इसके मालिक परवीन पुत्र शमशेर सिंह, निवासी फोरेस्ट कॉलोनी कोहिमा सदर जनपद कोहिमा नागालैंड है।
3 of 7
मौके पर क्षतिग्रस्त मैजिक वाहन
– फोटो : अमर उजाला
चालक को भी इतनी जगह नहीं मिल रही थी कि वह सही से बैठ सके
टाटा मैजिक की क्षमता आठ सवारियों की थी और उसमें 20 लोग सवार थे। अगर कुल सवारों की बात करें तो चालक समेत 21 थे। स्थिति यह थी कि चालक वाली सीट पर भी सवारियां थीं। ऐसे में चालक को भी बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रफ्तार भी तेज थी। दरअसल हाथरस से सिकंदराराऊ तक सवारियां ढोने वाली टाटा मैजिक नंबर के साथ दौड़ती हैं। कहीं दूसरी टाटा मैजिक पहले न पहुंच जाए इसलिए अंधाधुंध रफ्तार के साथ गाडि़यों को दौड़ाते हैं। इससे हादसे हो रहे हैं।
4 of 7
दुर्घटना के बाद मौके पर पड़े घायल
– फोटो : अमर उजाला
हादसे का शिकार होने वाली टाटा मैजिक को आरटीओ के एटा आफिस से जो परमिट मिला है वह केवल 8 सवारियों का है। लेकिन सवारियां 20 भर दी गईं। खास बात यह है कि इस टाटा मैजिक द्वारा सुबह से सवारियां ढोई जा रही थीं लेकिन पुलिस का ध्यान नहीं गया। जबकि कई थाने और चौकियां रास्ते में पड़ीं। अगर पुलिस ने रोक लिया होता तो शायद यह हादसा न हुआ होता। जगह जगह गाडि़यां लगाकर चेकिंग करने वाली आरटीओ की टीम को क्षमता से अधिक सवारियां ढोने वाले वाहन नजर नहीं आते हैं। लोगों का कहना है कि टाटा मैजिक की रफ्तार तेज थी। वह गाड़ी को कंट्रोल कर ही नहीं पाया।
5 of 7
हादस हादसे के पीड़ित
– फोटो : अमर उजाला
17 लोगों की मौत पर अफसरों की नींद टूट जाती तो न जाती इन सात की जान
छह सितंबर को हाथरस-आगरा मार्ग पर ओवरटेक करने के दौरान सवारियों से भरी लोडिंग गाड़ी को रोडवेज बस ने टक्कर मार दी थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद भी सिस्टम नहीं जागा। अगर उस वक्त प्रशासन चौकस होता। ट्रैफिक नियमों का पालन कराता। क्षमता से अधिक सवारियां ढोने वाले वाहनों पर एक्शन करता तो शायद आज जो भीषण हादसे में सात लोगों की जान चली गई, वह न जाती।