Sensex Opening Bell Share Market Opening Sensex Nifty Share Market News And Updates – Amar Ujala Hindi News Live

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Sensex Opening Bell Share Market Opening Sensex Nifty Share Market News and Updates

शेयर मार्केट
– फोटो : amarujala.com

विस्तार


घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को तेज बिकवाली दिखी। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी लगभग दो फीसदी से ज्यादा टूट गए। बाजार में यह गिरावट पश्चिम एशिया में तनाव के बाद निवेशकों की ओर से सर्तकता बरतने के कारण आया। घरेलू शेयर बाजार को गुरुवार का दिन रास नहीं आया। वायदा कारोबार की एक्सपायरी के दिन सेंसेक्स और निफ्टी दो-दो फीसदी तक फिसल गए। दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर सेंसेक्स 1,811 अंक या 2.15% फिसलकर 82,455.08 पर कारोबार करता दिखा। दूसरी ओर, निफ्टी भी 554 अंक या लगभग 2.15% टूटकर 25,242 पर पहुंच गया।  इस दौरान बाजार में निवेशकों को करीब 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। आखिरकार सेंसेक्स 1,769.19 (2.09%) फिसलकर 82,497.10 के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी में 546.81 (2.12%) अंकों की गिरावट के साथ 25,250.10 पर क्लोजिंग हुई।

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पश्चिम एशिया में तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका

इससे पहले बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.63 लाख करोड़ रुपये घटकर 469.23 लाख करोड़ रुपये रह गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में ईरान की ओर से इस्राइल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। अगर यह संघर्ष तेज हुआ तो इस क्षेत्र से तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है। गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी दिखी। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भारत जैसे कमोडिटी के आयातक देशों के लिए नकारात्मक है, क्योंकि देश के आयात बिल में कच्चे तेल का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

बीएसई सेंसेक्स के 30 शेयरों का हाल

निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 1.2% तक कमजोर हुआ

सेंसेक्स के शेयरों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, एलएंडटी और भारती एयरटेल के शेयर इंडेक्स के फिसलने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार रहे। वहीं, जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील ही ऐसे शेयर थे जो बढ़त के साथ खुले। मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष को लेकर चिंताओं के कारण निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में शुरुआती कारोबार में 1.2% से अधिक की गिरावट आई। इंडेक्स में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, आईओसी और जीएसपीएल सबसे अधिक पिछड़े रहे। इस बीच,  इंडिया VIX 8.9% उछलकर 13.06 पर पहुंच गया।

निफ्टी के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर

घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण ये रहे

  • ईरान-इस्राइल के बीच संघर्ष

पश्चिम एशिया में इरान और इस्राइल के बीच बढ़ रहा तनाव दुनियाभर के बाजार के लिए चिंता का कारण है। खबरों के अनुसार ईरान की ओर से हमले के बाद इस्राइली सेना ने दक्षिण लेबनान में अपने आठ सैनिकों के मौत की पुष्टि की है। इनमें एक टीम कमांडर भी शामिल है। ऐसे में आने वाले समय में इस्राइल ईरान, हिजबुल्ला और हमास को घेरने के लिए जवाबी हमले तेज कर सकते हैं। अगर यह स्थिति बनती है तो इसका असर कच्चे के उत्पादन पर पड़ेगा। जिसका असर पूरी दुनिया के बाजार पर पड़ेगा। इन्ही चिंताओं को देखते हुए निवेशक बाजार में नई खरीदारी से बच रहे हैं।

  • कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा

पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव का असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ने लगा है। ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर प्रति डॉलर के भाव को पार कर गया है। बेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएड क्रूड भी 72 डॉलर पर पहुंच गया। दोनों ही सूचकांक में पिछले तीन दिनों में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरवट आई। इसका बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा, क्योंकि भारत एक तेल आयातक देश है और आयात बिल में कच्चे तेल का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • वायदा कारोबार के नियमों का सख्त होना

सेबी ने हाल ही में अपनी बोर्ड की बैठक में वायदा करोबार के नियमों में बदलाव की मंजूरी दी है। बाजार नियामक सेबी की ओर से वायदा व विकल्प (एफएंडओ) सेगमेंट में नियमों को सख्त करने के हाल के फैसले ने भी आज इक्विटी बाजारों में गिरावट में योगदान दिया। विश्लेषकों के अनुसार ये नए उपाय, जिनमें साप्ताहिक समाप्ति को हर एक्सचेंज पर एक दिन करना और अनुबंध आकार बढ़ाना शामिल है, रिटेलर्स को निराश कर सकते हैं। इससे ट्रेडिंग में कमी आ सकती है। व्यापार की गतिशीलता के बारे में इस अनिश्चितता ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी। जिससे व्यापक भू-राजनीतिक तनावों के बीच बाजार में गिरावट का दबाव बढ़ गया।

  • चीन का असर

चीन के शेयर बाजार में मजबूती से भी भारतीय निवेशक चिंता में हैं। हाल के वर्षों में चीन के शेयर बाजार ने खराब प्रदर्शन किया है। पिछले सप्ताह चीनी सरकार द्वारा आर्थिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद, विश्लेषकों ने चीनी शेयरों में निरंतर वृद्धि की भविष्यवाणी की है। जिससे भारत से पूंजी के बाहर भेजे जाने को बढ़ावा मिल रहा है। एसएसई कंपोजिट इंडेक्स मंगलवार को 8% बढ़ा और पिछले सप्ताह में 15% से अधिक बढ़ा। नतीजतन, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने पिछले दो कारोबारी सत्रों में भारतीय इक्विटी से 15,370 करोड़ रुपये निकाले।

रुपया डॉलर के मुकाबले 11 पैसे कमजोर हुआ

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव की चिंताओं के बीच घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा बनी, इससे रुपये में भी गिरावट आई। गुरुवार (3 अक्टूबर, 2024) को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटकर 83.93 पर आ गया। मुद्रा व्यापारियों के अनुसार पूंजी बाजारों से विदेशी निवेश के लगातार बाहर जाने और अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा।



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