केदारनाथ धाम
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पंच केदार में प्रमुख भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। साथ ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। बाबा केदार की डोली छह माह की शीतकालीन पूजा के लिए 5 नवंबर को ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी। आज दिन में 12 बजे के आसपास यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो जाएंगे।
शनिवार को केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। 11 बजे विधि-विधान के साथ भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर लाया गया। इस मौके पर समूची केदारपुरी बाबा केदार के जयकारों से गूंज उठी। मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराया। धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला व वेदपाठी स्वयंवर सेमवाल ने पंचमुखी उत्सव मूर्ति की पूजा-अर्चना की। केदारनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव मूर्ति डोली को मंदिर परिसर में विराजमान किया गया। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने उत्सव मूर्ति के दर्शन किए।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि रविवार को तड़के 4 बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भगवान आशुतोष के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप दिया जाएगा। इसके उपरांत विधि-विधान से मंदिर के कपाट सुबह 8.30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव डोली धाम से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान करते हुए पैदल मार्ग से गौरीकुंड, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
सोमवार को डोली रामपुर से रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी और मंगलवार को गुप्तकाशी से पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी। जहां पर सभी धार्मिक मान्यताओं के निर्वहन के साथ बाबा केदार की पंचमुखी चल उत्सव विग्रह डोली को छह माह की पूजा के लिए मंदिर में विराजमान किया जाएगा। इस मौके पर बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी युद्धवीर पुष्पवान, केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता देवानंद गैरोला, अरविंद शुक्ला, प्रदीप शुक्ला आदि मौजूद थे।
आज बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट
यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को भैयादूज के पर्व पर दोपहर 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेगी। जहां श्रद्धालु उनके दर्शन व पूजन कर सकेंगे। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि कपाटबंदी के लिए रविवार सुबह खरसाली से शनि देव की डोली अपनी बहन यमुना को लेने के लिए धाम की ओर प्रस्थान करेगी।