आरजी कर मामला
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पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सोमवार तक उनकी दस सूत्रीय मांगें नहीं मानी गईं तो मंगलवार से वे फिर से अनिश्चीतकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठक के बाद सरकार को यह चेतावनी दी।
जूनियर डॉक्टर देवाशीष हालदार ने कहा, हमने राज्य सरकार को मांगें मानने के लिए समय सीमा दी है। गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर दस मांगों को लेकर पिछले 14 दिनों से ‘आमरण अनशन’ पर बैठे हैं।
आरजी कर मामले में न्याय और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव की मांग को लेकर पिछले दो महीनों से डॉक्टरों का आंदोलन चल रहा है। इस बीच, छह जूनियर डॉक्टर अनशन करते हुए बीमार पड़ चुके हैं। अभी भी अस्पताल में पांच डॉक्टर भर्ती हैं। इस स्थिति में आंदोलन का अगला कदम क्या होना चाहिए, यह तय करने के लिए शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की।
क्या है डॉक्टरों की मांग
उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली की शुरुआत, कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है। इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा और महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग की। डॉक्टरों की भूख हड़ताल की शुरुआत पांच अक्तूबर को हुई, जो दो चरणों में लगभग 50 दिनों के ‘काम बंद’ के बाद शुरू हुई।
ममता ने की थी मुख्य सचिव पंत और राज्य सुरक्षा सचिव एनएस निगम के साथ समीक्षा बैठक
इससे पहले, कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने कालीघाट आवास पर मुख्य सचिव मनोज पंत और राज्य सुरक्षा सचिव एनएस निगम के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचों को बेहतर करने पर चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि बैठक 45 मिनट तक चली, जिसमें सीएम ममता बनर्जी ने विभिन्न सरकारी मडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा बुनियादी ढांचों के बारे में पूछताछ की। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने सभी सरकारी अस्पतालों के प्रिंसिपल और एएसवीपी की एक बैठक बुलाई। यह बैठक नबन्ना में राज्य सचिवालय में आयोजित की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया। पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।