
प्रतीकात्मक फोटो
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अमेरिका में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में भारत से गए बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। करीब 3.3 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। 15 सालों में पहली बार भारत इस सूची में शीर्ष पर है। सोमवार को जारी ओपन डोर्स रिपोर्ट, 2024 में यह दावा किया गया है।
शैक्षिक सत्र 2022-23 में विदेश से अमेरिका पहुंचने वाले छात्रों में सबसे बड़ी संख्या चीन की थी और भारत दूसरे नंबर पर था। तब 2,68,923 भारतीय छात्र अमेरिका में शिक्षा ग्रहण करने पहुंचे थे। ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस संख्या में 23 फीसदी का उछाल आया है और भारतीयों की संख्या अब तक की सर्वाधिक 3,31,602 हो गई है। यह संख्या विदेश से अमेरिका पढ़ने आए कुल छात्रों का 29 फीसदी है।
अब दूसरे पर चीन और तीसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया
भारत के बाद दूसरे नंबर पर चीन है जहां के 277398 विद्यार्थी अमेरिका में पढ़ रहे हैं। तीसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया (43,149), चौथे पर कनाडा (28,998) और पांचवें पर ताइवान (23,157) है।
ओपन डोर्स रिपोर्ट को इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन ने प्रकाशित किया है। आईआईई अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या के बारे में सालाना रूप से अध्ययन जारी करता है।
2008 के बाद पहली बार शीर्ष पर भारत
भारत में अमेरिकी दूतावास ने इस बारे में जारी बयान में कहा, 2008-2009 के बाद पहली बार भारत अमेरिका में अपने विद्यार्थी भेजने के मामले में शीर्ष पर है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय बच्चों की यह अब तक की सर्वोच्च संख्या है। अमेरिका में सामान्य रूप से सितंबर से शैक्षिक सत्र की शुरुआत होती है और मई तक चलती है।
सबसे अधिक छात्र उच्च शिक्षा के लिए पहुंचे
भारत लगातार दूसरे वर्ष अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय स्नातक (परास्नातक और पीएचडी स्तर) छात्र भेजने वाला सबसे बड़ा स्रोत बना रहा। इस स्तर की उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका पहुंचे भारतीय स्नातकों की संख्या 19 प्रतिशत बढ़कर 1,96,567 पहुंच गई है। अंतर स्नातक छात्रों की संख्या में 13 फीसदी बढ़ोतरी हुई और यह 36,053 हो गई जबकि गैर-डिग्री छात्रों की संख्या 28 प्रतिशत घटकर 1,426 रह गई है।