Rajasthan News: Dri Caught Two Passengers With Hydroponic Weed At Jaipur Airport – Amar Ujala Hindi News Live

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Rajasthan News: DRI caught two passengers with hydroponic weed at Jaipur airport

बैंकॉक से जयपुर पहुंचे नशे के सौदागर।
– फोटो : अमर उजाला

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नशे के सौदागर अब हवाई रास्तों के जरिए भी राजस्थान में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की सप्लाई करने के रास्ते तलाश रहे हैं। डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) की बुधवार देर रात राजधानी जयपुर एयरपोर्ट पर हुई कार्रवाई में भी नशे की तस्करी के बड़े सबूत मिले हैं।

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राजस्थान नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है। स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटीज के बाहर खुलेआम नशे का कारोबार हो रहा है। जयपुर एयरपोर्ट पर नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई है। मंगलवार देर रात  DRI अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर जयपुर एयरपोर्ट पर बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट संख्या FD 130 से आए दो यात्रियों को हाइड्रोपोनिक वीड (गांजा) के साथ पकड़ा। जानकारी के अनुसार DRI अधिकारियों को महिला यात्री के ट्रॉली बैग से हाइड्रोपोनिक वीड मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस 3.7 किलो हाइड्रोपोनिक वीड की कीमत 3.7 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) जयपुर ने नशे की तस्करी सिंडिकेट से जुड़े एक युवती और एक युवक को गिरफ्तार करके बुधवार को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। वहां से न्यायालय के आदेश के बाद दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

गहलोत बोले- पुलिस वाले भी नशे के कारोबार में लिप्त

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी बुधवार को इस संबंध में एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में नशे के कारोबार में पुलिस वाले तक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश में नशे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। नशे के बढ़ते खेल के पीछे वजह प्रशासन और सरकार का इस दिशा में बेहद गंभीर नहीं होना है। राजस्थान की बात करें तो 5 साल में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए हैं। गहलोत ने लिखा- ड्रग्स पर प्रतिबंध के कानून हैं। सजा का भी प्रावधान है, लेकिन ट्रायल का लंबा समय, सबूतों का अभाव जैसी वजहों से आरोपी छूट जाते हैं। MDMA टेबलेट जैसे ड्रग्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। इससे युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं और हमारी नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है। अब स्कूल भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। 10वीं-12वीं के बच्चे भी शराब और ड्रग्स की ओर बढ़ रहे हैं।



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