Rahul Gandhi Article Slam Government Says East India Company Wound Up But New Breed Of Monopolists Its Pतोमा – Amar Ujala Hindi News Live

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rahul gandhi article slam government says East India Company wound up but new breed of monopolists its pतोमा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी
– फोटो : एएनआई (फाइल)

विस्तार


राहुल गांधी का कहना है कि मूल ईस्ट इंडिया कंपनी देश से 150 साल पहले ही खत्म हो गई थी, लेकिन अब उसकी जगह नई नस्ल के एकाधिकारवादियों (सिंडिकेट) ने ले ली है। लोकसभा में नेता विपक्ष ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपनी व्यापारिक ताकत के दम पर नहीं, बल्कि भारत पर नियंत्रण कर देश को गुलाम बनाया। राहुल गांधी ने एक मीडिया संस्थान के लिए लिखे लेख में ये बातें कही। 

‘ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश की बैकिंग व्यवस्था, प्रशासन पर नियंत्रण कर हमें गुलाम बनाया’

राहुल गांधी ने इस लेख को सोशल मीडिया पर भी साझा किया है। राहुल गांधी ने लिखा कि ‘ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे देश के राजाओं और नवाबों के साथ साझेदारी कर, उन्हें रिश्वत देकर या फिर डरा-धमकाकर इस देश पर नियंत्रण किया। उन्होंने हमारे देश के बैंकिंग, प्रशासनिक और सूचना तंत्र पर नियंत्रण किया। हम किसी देश से अपनी आजादी नहीं हारे बल्कि हमें एक एकाधिकारवादी निगम ने हराया और फिर दमनकारी तंत्र चलाया। अब मूल ईस्ट इंडिया कंपनी तो खत्म हो गई है, लेकिन अब उसकी जगह एकाधिकारवादियों की नई नस्ल ने ले ली है।’ राहुल गांधी के इस लेख को केंद्र सरकार पर हमला माना जा रहा है। राहुल गांधी अक्सर सरकार पर कुछ पूंजीपतियों का समर्थन करने का आरोप लगा चुके हैं। 

राहुल गांधी ने चेताया

राहुल गांधी ने लेख में लिखा कि ‘ये एकाधिकारवादी बहुत ज्यादा संपत्ति अर्जित कर रहे हैं, जबकि भारत देश सभी का है और इससे असमानता बढ़ रही है।’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने लिखा कि ‘हमारे संस्थान अब हमारे लोगों के नहीं हैं, वे एकाधिकारवादियों के इशारे पर चलते हैं। लाखों व्यवसाय नष्ट हो गए हैं और भारत अपने युवाओं के लिए रोजगार पैदा नहीं कर पा रहा है।’ राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि ‘अपना भारत चुनें: निष्पक्ष खेल या एकाधिकार? नौकरियां या कुलीनतंत्र? योग्यता या संबंध? नवाचार या डराने-धमाकाने वाला माहौल? संपत्ति सभी के लिए या फिर बस कुछ लोगों के लिए?’

‘देश के संसाधनों पर सभी का अधिकार’

गांधी ने अपने लेख में कहा कि ‘भारत माता अपने सभी बच्चों की मां हैं। उनके संसाधनों और सत्ता पर कुछ लोगों का एकाधिकार भारत मां को चोट पहुंचाता है। मैं जानता हूं कि भारत के सैकड़ों प्रतिभाशाली कारोबारी, एकाधिकारवादियों से डरते हैं। क्या आप उनमें से एक हैं? आप एकाधिकारवादियों द्वारा राज्य के साथ सांठगांठ करके आपके क्षेत्र में घुसने और आपको कुचलने से डरते हैं? आयकर, सीबीआई या ईडी के छापों से डरते हैं जो आपको अपना व्यवसाय उन्हें बेचने के लिए मजबूर करेंगे? वे आपको हराने के लिए खेल के नियमों को बीच में ही बदल देंगे?’

गांधी ने कहा कि ‘मेरी राजनीति हमेशा से कमज़ोर और बेज़ुबानों की रक्षा करने के बारे में रही है। मैं गांधी जी के उन शब्दों से प्रेरणा लेता हूं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘पंक्ति’ में खड़े आखिरी व्यक्ति की रक्षा करनी चाहिए। इसी दृढ़ विश्वास ने मुझे मनरेगा, भोजन का अधिकार और भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया। मैं आदिवासियों के साथ खड़ा रहा।’

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