{“_id”:”6782be96eedbd600b80dc424″,”slug”:”quality-of-work-important-not-quantity-anand-mahindra-on-long-work-hours-debate-2025-01-12″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”90 Hours Work Week: ‘मुझे अपनी सुंदर बीवी को निहारना पसंद है’, काम के घंटे पर बहस के बीच आनंद महिंद्रा का बयान”,”category”:{“title”:”Business Diary”,”title_hn”:”बिज़नेस डायरी”,”slug”:”business-diary”}}
आनंद महिंद्रा – फोटो : ANI
विस्तार
लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के सप्ताह में 90 घंटे काम करने के बयान ने सोशल मीडिया पर कार्य संतुलन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब इस मामले पर दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि काम के घंटे महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि काम की क्वालिटी महत्वपूर्ण है। उन्होंने ये बातें दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आप सोशल मीडिया कैसे मैनेज करते हैं। इस पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं सोशल मीडिया पर इसलिये नहीं हूं कि मैं अकेलेपन का शिकार हूं। मेरी बीवी सुंदर है, और मुझे उन्हें निहारना पसंद है। अब आनंद महिंद्रा का ये बयान खूब वायरल हो रहा है।
Trending Videos
मेरी पत्नी बहुत सुंदर है- महेंद्रा
अपने सोशल मीडिया पर नहीं होने के एक सवाल के में आनंद महिंद्र ने कहा कि मैं सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेले नहीं हूं। साथ ही उन्होंने सुब्रह्माण्यन के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि मेरी पत्नी बहुत सुंदर है और मुझे मेरी पत्नी को देखना अच्छा लगता है।
अच्छे निर्णय लेने के लिए अध्ययन जरूरी
आनंद महिंद्र ने कहा कि एक अच्छे निर्णय लेने के लिए हमें कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए, क्योंकि इससे हमारे दिमाग को बेहतर सोचने की क्षमता मिलती है। उन्होंने यह उदाहरण दिया कि यदि हमें ग्राहकों की जरूरतें समझनी हैं तो हमें परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना जरूरी है, ताकि हम जान सकें कि लोग क्या चाहते हैं। साथ ही महिंद्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सोशल मीडिया पर इसलिये नहीं हैं क्योंकि वह अकेले हैं, बल्कि इसे एक व्यावसायिक उपकरण के रूप में उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें लाखों लोगों से फीडबैक मिलता है।
परिवार के साथ समय बितान पर जोर
आनंद महिंद्रा ने आगे परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, दोस्तों के साथ नहीं हैं, पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, या सोचने-समझने का समय नहीं निकाल रहे हैं, तो आप सही फैसले कैसे ले सकते हैं?