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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का दावा – फोटो : संवाद
विस्तार
कोविड महामारी के दौरान कर्नाटक के निजी स्कूलों में करोड़ों रुपये की वसूली को लेकर नियत्रंक एवं महालेख परीक्षक कैग ने रिपोर्ट जारी किया है। इसमें दावा किया गया है कि कर्नाटक के निजी स्कूलों ने 2020-21 में कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों से 345.80 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फीस वसूली। यह न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है।
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कैग ने की राज्य सरकार की खिंचाई
कैग ने बताया कि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के पास निजी स्कूलों द्वारा ली गई फीस पर निगरानी रखने का कोई तरीका नहीं है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि निगरानी की इस कमी के कारण फीस नियमों का पालन नहीं हुआ। इसके अलावा, सरकार ने ऑनलाइन स्कूलों को नियामक ढांचे में शामिल नहीं किया, जिससे असमानता और भेदभाव बढ़ा।
स्वास्थ्य क्षेत्र पर कैग की रिपोर्ट
इसके साथ ही कैग ने स्वास्थ्य क्षेत्र पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2022 तक 17.79 करोड़ रुपये की कोविड-19 दवाएं सरकार को नहीं मिलीं। सरकार ने 665 करोड़ रुपये की दवाओं का ऑर्डर दिया था, लेकिन 415 करोड़ रुपये की दवाएं एक से 252 दिनों तक की देरी से आईं।
इसके अलावा, 288 करोड़ रुपये के उपकरणों की आपूर्ति में 217 दिनों की देरी हुई। वहीं, 405 करोड़ रुपये के उपकरणों की आपूर्ति का विवरण CAG को नहीं दिया गया।