
Punjab Lok Sabha Election 2024
– फोटो : अमर उजाला
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लखबीर सिंह लक्खा की आवाज में मां चिंतपूर्णी के भजन दुकानों, गलियों और बाजारों में गूंजते हैं तो पंजाब का होशियारपुर शहर उत्तर प्रदेश के किसी मझोले शहर सा लगता है। पहाड़ों में बादलों की जरा भी अठखेलियां शुरू होती हैं तो ऊना और कांगड़ा से सटा यह जिला हिमाचली होने को मचल उठता है। बैसाखी, लोहड़ी और तीज में यहां पंजाबियत हिलोरे मारती है। जैसा माहौल, उसी में रम जाना ही होशियारपुर की होशियारी है।
फिलहाल शहर के बाजारों और पॉश इलाकों में इक्का-दुक्का जगह लहराते भगवा झंडे यह बताते हैं कि यहां चुनावी रंग चढ़ गया है। 40 किलोमीटर दूर पहाड़ों में चिंतपूर्णी माता के मंदिर की ओर भी ऐसा ही माहौल है। इसकी वजह ये भी हो सकती है कि पंजाब की बहुसंख्यक आबादी भले सिखों की हो, पर होशियारपुर में हिंदू (63%), सिख आबादी (34%) के मुकाबले लगभग दोगुने हैं।
यहां का धार्मिक माहौल और ध्रुवीकरण बीते एक दशक से भाजपा की जीत का आधार रहा है। हालांकि, वर्ष 2014 से यहां पर सांसदी का सुख उठा रही भाजपा की नींद इस बार किसान आंदोलन की वजह से उड़ी है। भाजपा प्रत्याशी अनिता सोम प्रकाश को गांवों में प्रचार के दौरान किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
17 में से 10 बार कांग्रेस
होशियारपुर सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। यहां 17 बार हुए लोकसभा चुनाव में 10 बार कांग्रेस और पांच बार भाजपा ने जीत हासिल की। पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह यहां से सांसद रह चुके हैं। कांग्रेस के समर्थन से बसपा के कांशीराम भी एक बार जीत चुके हैं। संस्थापक कांशीराम और वर्तमान सुप्रीमो मायावती की कर्मभूमि होने की वजह से बसपा अन्य दलों का समीकरण बिगाड़ने में पूरी महारत रखती है।