हादसे के बाद मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ा रेल इंजन।
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पंजाब के फतेहगढ़ साहिब क्षेत्र में सरहिंद रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर माधोपुर चौकी के पास रविवार सुबह 3.16 बजे रेल हादसा हो गया। यहां सिग्नल तोड़ते हुए एक मालगाड़ी दूसरी मालगाड़ी से जा टकराई। हादसे में एक मालगाड़ी का इंजन पलट गया और जम्मूतवी एक्सप्रेस से टकरा गया। गनीमत रही कि हादसे में किसी भी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
हालांकि, दोनों ही मालगाड़ियों के पायलट घायल हो गए हैं, जिन्हें फतेहगढ़ के सरकारी अस्पताल ले जा गया, जहां से दोनों को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस हादसे ने बीते दिनों ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे की याद ताजा कर दी। उस हादसे में 290 से ज्यादा लोगों की मौत गई थी। शुक्र है कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
यह हादसा मालगाड़ियों के लिए बने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) ट्रैक के न्यू सरहिंद स्टेशन के पास हुआ। यहां पहले से कोयले से भरी दो गाड़ियां खड़ी थीं। एक मालगाड़ी का इंजन खुलकर दूसरी से टकराया और फिर इंजन पलटकर अंबाला से जम्मू तवी की ओर जा रही पैसेंजर गाड़ी समर स्पेशल में फंस गया। हादसे में मालगाड़ी की बोगियां भी एक दूसरे पर चढ़ गईं।
जैसे ही पैसेंजर गाड़ी की टक्कर हुई तो इसमें सवार सैकड़ों यात्रियों में चीख पुकार मच गई। हादसे में 2 लोको पायलट घायल हुए हैं। इनकी पहचान सहारनपुर (यूपी) निवासी विकास कुमार (37 वर्ष) और सहारनपुर (यूपी) निवासी हिमांशु कुमार (31 वर्ष) के रूप में हुई है। दूसरी तरफ अंबाला से लुधियाना अप लाइन बिलकुल ठप हो गई है। अंबाला डिवीजन के डीआरएम समेत रेलवे, जीआरपी और आरपीएफ के सीनियर अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
कारण: मालगाड़ी के सिग्नल तोड़ने से हुआ हादसा
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे रेलवे के डीआरएम मंदीप सिंह भाटिया ने बताया कि दो मालगाड़ियों की टक्कर हुई है। ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी ने अंबाला की ओर से सिग्नल तोड़ा है, इसकी जांच की जा रही है कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ। इसी बीच जम्मू तवी स्पेशल होली डे ट्रेन भी इन मालगाड़ियों की चपेट में आ गई, लेकिन सभी यात्री सुरक्षित हैं।
25 साल बाद फिर हादसे का शिकार हुई जम्मूतवी
26 नवंबर 1998 को पंजाब के खन्ना रेलवे स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूरी पर कौड़ी गांव के खन्ना-लुधियाना खंड पर सुबह 03:15 बजे एक हादसा उस समय हुआ जब जम्मूतवी एक्सप्रेस कलकत्ता से जम्मू की और जा रही थी तो सियालदाह एक्सप्रेस गाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे थे, जिसमें सियालदाह एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उत्तर गए थे और जम्मू तवी गाड़ी इससे टकरा गई थी। इस हादसे में 212 यात्रियों की जान हादसे में चली गई थीं।
70 गाड़ियों का संचालन प्रभावित
अंबाला-लुधियाना रेल सेक्शन पर मालगाड़ी के हादसाग्रस्त होने से 70 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। इस दौरान 54 ट्रेनों के मार्ग भी बदलने पड़े। वहीं, दो ट्रेनों को बीच रास्ते रद्द करके एक को पुन: संचालित और 12 ट्रेनों को पूर्ण तौर पर रद्द रखा गया। हादसे के दौरान क्षतिग्रस्त हुई ट्रेन नंबर 04681 के दो कोच को अलग करके गंतव्य की ओर भेजा गया।
सायरन बजते ही मचा हड़कंप
लुधियाना। सरहिंद के पास रविवार सुबह रेल हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। मेसेज के तुरंत बाद अंबाला, राजपुरा और लुधियाना जंक्शन समेत पास के सभी स्टेशन पर इमरजेंसी सायरन बज उठा। इसके तुरंत बाद मुख्य लाइन पर दौड़ रहीं सभी ट्रेनों को तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया। लुधियाना स्टेशन पर रेल प्रशासन हरकत में आ गया और कुछ ही मिनट में अधिकारी पूरे दल-बल के साथ साहनेवाल की ओर रवाना हो गए। आनन-फानन में एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (एआरटी) को भी साहनेवाल और फिर वहां से सरहिंद की ओर रवाना किया गया। हादसे के बाद मुख्य लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह थम गई। ट्रेनों को साहनेवाल-चंडीगढ़ और लुधियाना-धुरी के रास्ते भेजा गया।
भगवान का शुक्र है कि हादसे में कोई भी जानी नुकसान नहीं हुआ है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मौके पर लोगों की सहायता के लिए हर संभव मदद पहुंचाई जाए, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। -भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब