प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ रविवार (30 जून) यानी आज फिर से शुरू हो गया। इस दौरान पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। 24 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतना बड़ा चुनाव कभी नहीं हुआ, जिसमें, 65 करोड़ लोगों ने वोट डाले हैं। मैं चुनाव आयोग और मतदान की प्रक्रिया से जुड़े हर व्यक्ति को इसके लिए बधाई देता हूं।
आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं
उन्होंने कहा कि आज 30 जून का ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस दिन को हमारे आदिवासी भाई-बहन ‘हूल दिवस’ के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के अदम्य साहस से जुड़ा है, जिन्होंने विदेशी शासकों के अत्याचार का पुरजोर विरोध किया था। वीर सिद्धो-कान्हू ने हजारों संथाली साथियों को एकजुट करके अंग्रेजों का जी-जान से मुकाबला किया, और जानते हैं ये कब हुआ था ? ये हुआ था 1855 में, यानी ये 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी दो साल पहले हुआ था, तब, झारखंड के संथाल परगना में हमारे आदिवासी भाई-बहनों ने विदेशी शासकों के खिलाफ हथियार उठा लिया था।
‘एक पेड़ मां के नाम’
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपसे पूछें कि दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता कौन सा होता है तो आप जरूर कहेंगे- ‘मां’। हम सबके जीवन में ‘मां’ का दर्जा सबसे ऊंचा होता है। मां, हर दुख सहकर भी अपने बच्चे का पालन-पोषण करती है। हर मां, अपने बच्चे पर हर स्नेह लुटाती है। जन्मदात्री मां का ये प्यार हम सब पर एक कर्ज की तरह होता है, जिसे कोई चुका नहीं सकता।
उन्होंने कहा कि हम मां को कुछ दे तो सकते नहीं, लेकिन, और कुछ कर सकते हैं क्या? इसी सोच में से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है, इस अभियान का नाम है- ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैंने भी एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाया है। मैंने सभी देशवासियों से, दुनिया के सभी देशों के लोगों से ये अपील की है कि अपनी मां के साथ मिलकर, या उनके नाम पर, एक पेड़ जरूर लगाएं और मुझे ये देखकर बहुत खुशी है कि मां की स्मृति में या
उनके सम्मान में पेड़ लगाने का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हर कोई अपनी मां के लिए पेड़ लगा रहा है- चाहे वो अमीर हो या गरीब, चाहे वो कामकाजी महिला हो या गृहिणी। इस अभियान ने सबको मां के प्रति अपना स्नेह जताने का समान अवसर दिया है। वो अपनी तस्वीरों को #Plant4Mother और #एक_पेड़_मां_के_नाम इसके साथ साझा करके दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।
खास तरह के छातों के बारे में बताया
पीएम मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ में आज मैं आपको एक खास तरह के छातों के बारे में बताना चाहता हूं। ये छाते तैयार होते हैं हमारे केरला में। वैसे तो केरला की संस्कृति में छातों का विशेष महत्व है। छाते, वहां कई परंपराओं और विधि-विधान का अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन मैं जिस छाते की बात कर रहा हूं, वो हैं ‘कार्थम्बी छाते’ और इन्हें तैयार किया जाता है केरला के अट्टापडी में।
उन्होंने कहा कि ये रंग-बिरंगे छाते बहुत शानदार होते हैं। और खासियत ये इन छातों को केरला की हमारी आदिवासी बहनें तैयार करती हैं। आज देशभर में इन छातों की मांग बढ़ रही हैं। इनकी ऑनलाइन बिक्री भी हो रही है। इन छातों को ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि सोसाइटी’ की देखरेख में बनाया जाता है। इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारीशक्ति के पास है।
पेरिस ओलंपिक पर भी बात की
पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने हर भारतीय का दिल जीत लिया था।उसके बाद से ही हमारे एथलीट पेरिस ओलंपिक की तैयारियों में जी-जान से जुटे हुए थे। सभी खिलाड़ियों को मिला दें, तो इन सबने करीब 900 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। पेरिस ओलंपिक में आपको कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलेंगी। शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरकर सामने आ रही है। टेबल टेनिस में पुरुषऔर महिला दोनों टीमें क्वालिफाई कर चुकी हैं। भारतीय शॉटगन टीम में हमारी शूटर बेटियां भी शामिल हैं। इस बार कुश्ती और घुड़सवारी में हमारे दल के खिलाड़ी उन श्रेणी में भी भाग लेंगे, जिनमें पहले वे कभी शामिल नहीं रहे।
प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम
‘मन की बात’ प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो कार्यक्रम है, जिसमें पीएम देश की जनता के साथ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित किया जाता है। इससे पहले ‘मन की बात’ आखिरी बार 25 फरवरी को प्रसारित किया गया था, जिसके बाद लोकसभा चुनावों की वजह से इसे रोकना पड़ा था।
पिछली बार पीएम ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के 110वें संस्करण में कहा था कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अगले तीन महीनों तक मन की बात का प्रसारण नहीं किया जाएगा। इससे पहले 18 जून को पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि मन की बात 30 जून को फिर से शुरू होगी। उन्होंने लोगों से अपने रेडियो प्रसारण के लिए MyGov ओपन फोरम, NaMo एप या 1800117800 पर संदेश के जरिए अपने विचार और इनपुट साझा करने का आह्वान किया।
फिर से शुरुआत का एक्स पर किया एलान
पीएम मोदी ने एक्स पर कहा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चुनावों के कारण कुछ महीनों के अंतराल के बाद मन की बात वापस आ गया है! इस महीने का कार्यक्रम रविवार, 30 जून को होगा। मैं आप सभी से इसके लिए अपने विचार और इनपुट साझा करने का आह्वान करता हूं। MyGov ओपन फोरम, NaMo एप पर लिखें या 1800117800 पर अपना संदेश रिकॉर्ड करें।
ऐसे थे लोकसभा चुनाव के परिणाम
2024 के लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में हुए। मतगणना 4 जून को हुई। परिणाम घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बहुमत मिला।
‘मान की बात’ के बारे में जानिए
मन की बात की शुरुआत 3 अक्तूबर 2014 को हुई थी। इसका मकसद देश के सभी वर्गों से जुड़ना है। 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, ‘मन की बात’ 11 विदेशी भाषाओं में भी प्रसारित किया जाता है। इनमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तो, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। मन की बात का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो के 500 से ज्यादा प्रसारण केंद्रों से किया जाता है। दावा किया जाता है कि 100 करोड़ से ज़्यादा लोग कम से कम एक बार ‘मन की बात’ से जुड़ चुके हैं।