आदि कैलाश
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धारचूला की व्यास घाटी स्थित आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में यात्री उमड़ रहे हैं। इससे होटल, होम स्टे और वाहन संचालक खुश हैं।
पिछले वर्ष अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार बड़ी संख्या में पर्यटक आदि कैलाश दर्शन के लिए आएंगे। प्रशासन की ओर से दो मई से इनरलाइन पास जारी करने के बाद बड़ी संख्या में यात्री धारचूला पहुंच रहे हैं। निजी टूर ऑपरेटर और केएमवीएन की ओर से यात्रा का संचालन किया जा रहा है। मैदानी क्षेत्रों से काफी संख्या में बाइक सवार भी आदि कैलाश दर्शन के लिए आ रहे हैं।
बृहस्पतिवार को केएमवीएन का काठगोदाम से 27 सदस्यीय एक्सप्रेस बैच धारचूला पहुंचा। सर्वर डाउन होने से चार सदस्यों के पास नहीं बन पाए। इसके चलते उन्हें धारचूला में ही रुकना पड़ा। पहले दल के 49 सदस्य ओम पर्वत के दर्शन कर गुंजी पहुंचे। यह दल शुक्रवार को आदि कैलाश के दर्शन करने जाएगा। सूत्रों के अनुसार यात्रियों की अधिक तादाद से धारचूला में होटल के साथ ही वाहनों के किराये में भी वृद्धि हो गई है। यात्रियों को मेडिकल रिपोर्ट बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि इस समय उच्च हिमालयी क्षेत्र में भी मौसम सुहावना बना हुआ है।
आदि कैलाश का चौथा यात्री दल टनकपुर से होगा रवाना
पहली बार मां पूर्णागिरि के प्रमुख पड़ाव क्षेत्र टनकपुर से भी आदि कैलाश की यात्रा शुरू होगी। इसका आगाज 18 मई से होगा। नगर से यह चौथा दल होगा जो चंपावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़ होकर आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करेगा। प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
बृहस्पतिवार को एसडीएम आकाश जोशी ने बताया कि टीआरटी से सुबह आठ बजे दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि आदि कैलाश यात्रा 10 मई से शुरू हो चुकी है। कुल आठ दल आदि कैलाश के लिए जाएंगे। इनमें से छह दल काठगोदाम और दो दल टनकपुर से रवाना होंगे।
पहले दिन दल चंपावत में गोलू देवता मंदिर, बालेश्वर मंदिर, लोहाघाट में मायावती आश्रम का भ्रमण करेगा। दल रात्रि विश्राम पिथौरागढ़ में करेगा और 19 मई को कनालीछीना, ओगला, जौलजीबी होते हुए जलेश्वर मंदिर के दर्शन के बाद धारचूला में ठहरेगा जहां मेडिकल चेकअप होगा।
20 मई को दल गुंजी, गर्ब्यांग, नाभीढांग की यात्रा की जाएगी, रात्रि विश्राम गुंजी में रहेगा। इसके बाद अगले दिन गणेश पर्वत, नाग पर्वत, व्यास गुफा, काली मंदिर, कालापानी, नाभी पर्वत, ओम पर्वत दर्शन करेंगे। 21 मई को पार्वती सरोवर, आदि कैलाश, पार्वती मुकुट, पांडव पर्वत, गौरी कुंड के दर्शन होंगे।