Parliament Winter Session 2024 Live: Constitution Debate Pm Modi Speech In Lok Sabha Today Updates – Amar Ujala Hindi News Live – Lok Sabha Live:लोकसभा में पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा

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07:19 PM, 14-Dec-2024

2014 के बाद एनडीए ने संविधान को मजबूत किया। पुरानी बीमारियों से हमने मुक्ति का अभियान चलाया। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किए। ओबीसी के लिए सम्मान के लिए हमने संविधान संशोधन किया। समाज के दबे, कुचले लोगों के साथ खड़े होना हमारा कर्तव्य है। 

07:12 PM, 14-Dec-2024

संविधान से खिलवाड़ कांग्रेस की रगों में: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में लोगों के नाम ढूंढने वालों को मैं बता दूं कि कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी जो अति पिछड़े समाज से आते थे, उनका अपमान किया गया। उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया। फुटपाथ पर फेंका गया। पूरी कांग्रेस पर एक परिवार ने कब्जा कर लिया। लोकतंत्र को नकार दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करता कांग्रेस की रगों में रहा है। हमारे लिए संविधान कर पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है। हमने 13 दिन सरकार चलाई। सरकारों को अस्थिर करने के लिए खेल खेले गए। सरकार बचाने के लिए वोट खरीदे गए। 90 के दशक में कई सांसदों को रिश्वत देने का पाप किया गया। कांग्रेस के लिए सत्ता सुख, सत्ता की भूख यही उसका इतिहास और वर्तमान है। 

07:08 PM, 14-Dec-2024

समान नागरिक संहिता की संविधान सभा ने की थी वकालत

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सभा में समान नागरिक संहिता को लेकर गहन चर्चा की गई थी। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की जरूरत है। मुंशी जी ने तब कहा था कि समान नागरिक संहिता देश की एकता अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यूसीसी लाने की बात कही है। हम इसे लागू करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं। कांग्रेस के लोग संविधान निर्माताओं की भावना का अनादर कर रहे हैं। उनके लिए संविधान राजनीति का हथियार है। 

07:05 PM, 14-Dec-2024

जो अपने संविधान को नहीं मानते वे देश का संविधान कैसे स्वीकार कर सकते

पीएम ने कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी के संविधान को स्वीकार नहीं किया है। इनकी शुरुआत ही गड़बड़ हुई है। 12 कांग्रेस की प्रदेश की कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरु जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, खुद के ही संविधान को नहीं माना। इसलिए सरदार जी प्रधानमंत्री नहीं बने और ये बैठ गए। जो लोग अपनी ही पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वे देश के संविधान को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।

06:55 PM, 14-Dec-2024

35ए पर संसद को अंधेरे में रखा

पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की लगातार अवमानना की है। संविधान के महत्व को कम किया है। संविधान के साथ धोखेबाजी की गई। 35ए संसद में आए बिना देश पर थोप दिया। 35 ए न होता तो जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात न होते। इस पर संसद को अंधेरे में रखा गया। उनके पेट में पाप था। बाबा साहब आंबेडकर के प्रति भी कांग्रेस में कटुता भरी थी। कांग्रेस ने आंबेडकर जी का स्मारक भी नहीं बनवाया। हमने बाबा साहब मेमोरियल बनाया। आरक्षण को धर्म के आधार पर तुष्टिकरण के नाम पर नुकसान पहुंचाया। इसका नुकसान एससी-एसटी ओबीसी को हुआ। कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया है। इसके विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां लिखी हैं। सदन में आरक्षण के खिलाफ भाषण दिए गए। कांग्रेस गई तब ओबीसी को आरक्षण मिला। कांग्रेस ने सत्ता सुख और वोट बैंक के लिए धर्म और संप्रदाय के आधार आरक्षण का खेल खेला।

06:49 PM, 14-Dec-2024

संविधान को गहरी चोट पहुंचाई गई

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की अगली पीढ़ी भी यही खिलवाड़ कर रही है। एक किताब में लिखा गया है कि जिसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा है कि मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है। सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है। इतिहास में पहली बार संविधान को गहरी चोट पहुंचाई गई। प्रधानमंत्री के ऊपर गैर सांविधानिक नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बिठाया गया। उसे पीएमओ के ऊपर का दर्जा दिया गया। संविधान के तहत जनता सरकार चुनती है। अगली पीढ़ी ने क्या किया? सरकार का मुखिया कैबिनेट बनाता है। इस कैबिनेट के निर्णय को संविधान का अपमान करने वालों ने फाड़ दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करना और न मानना उनकी आदत हो गई है। अहंकारी व्यक्ति ने कैबिनेट के फैसले को फाड़ दिया। दुर्भाग्य देखिए एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के फैसले को फाड़ दे और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे। ये कौन सी व्यवस्था है।

06:44 PM, 14-Dec-2024

राजीव गांधी ने संविधान की भावना की बलि चढ़ाई

पीएम ने कहा कि आपातकाल में लोगों के अधिकार छीने गए। लोकतंत्र का गला घोंटा गया। इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाने वाले जस्टिस एचआर खन्ना को मुख्य न्यायाधीश नहीं बनने दिया गया। देश पर जुल्म और तांडव चला। एक निर्दयी सरकार संविधान को चूर-चूर करती रही। यह परंपरा नेहरू जी के बाद इंदिरा ने आगे बढ़ाई। इसके बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान को एक और झटका दिया। उन्होंने सबको समानता, सबको न्याय की भावना को चोट पहुंचाई। शाहबानो को संविधान के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने न्याय दिया था, तब राजीव गांधी ने उस महिला की भावना को नकार दिया। उन्होंने वोट बैंक के लिए संविधान की भावना को बलि चढ़ाया और कट्टरपंथियों का साथ दिया। संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलटा। 

06:36 PM, 14-Dec-2024

इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपी: पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वह समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। संविधान के स्पिरिट को लहूलुहान किया। छह दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया, उसको खाद पानी एक और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया। 1971 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान बदलकर पलटा गया। उन्होंने देश की अदालत के पंख काट दिए थे। उन्होंने तब अदालत के अधिकारों को छीना था। कोई रोकने वाला था नहीं। इसलिए जब इंदिरा जी के चुनाव को अदालत ने खारिज कर दिया और उनको सांसद पद छोड़ने की नौबत आई, तो उन्होंने गुस्से में देश पर इमरजेंसी थोप दी। अपनी कुर्सी बचाने के लिए और उसके बाद 1975 में 39वां संशोधन किया और उसमें उन्होंने क्या किया- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अध्यक्ष इनके चुनाव के खिलाफ कोई कोर्ट में जा ही नहीं सकता, ऐसा नियम बनाया और इसे पीछे के लिए भी लागू कर दिया। 

06:35 PM, 14-Dec-2024

पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी ने उस दौरान एक चिट्ठी लिखी थी। अगर संविधान हमारे रास्ते में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए। जब देश में संविधान नहीं था। तब राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी ने चेताया था कि यह गलत कर रहे हो। तब हमारे स्पीकर ने भी इसे गलत बताया था। आचार्य कृपलानी, जयप्रकाश नारायण जैसी बड़ी शख्सियतों ने भी इसे गलत करार दिया। लेकिन नेहरू जी का अलग संविधान चलता था। इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह नहीं मानी और उनकी राय को दरकिनार कर दिया।

06:32 PM, 14-Dec-2024

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश के लंबे इतिहास में एक ही परिवार ने राज किया है। इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति, इसकी परंपरा निरंतर चल रही है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है। 1947 टू 1952 इस देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी। एक अस्थायी व्यवस्था, एक सेलेक्टेड सरकार थी। चुनाव नहीं हुए थे। एक अंतरिम व्यवस्था के तौर पर खाका खड़ा हुआ था। 1952 के पहले राज्यसभा का गठन नहीं हुआ था। जनता का कोई आदेश नहीं हुआ था। अभी अभी तो संविधान निर्माताओं ने संविधान बनाया था। तब उन्होंने ऑर्डिनेंस कर के संविधान को बदला और किया क्या- अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर दिया गया। ये संविधान निर्माताओं का भी अपमान था। लेकिन वहां उनकी चली नहीं। बाद में जैसे ही मौका मिला, उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर हथौड़ा मार दिया। वो जो संविधान सभा में नहीं करवा पाए, वो उन्होंने पीछे के दरवाजे से किया। जो चुनी हुई सरकार के नेता नहीं थे, उन्होंने ये किया। 



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