ओखली
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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मशीनीकरण के दौर और बदलती जीवन शैली के चलते पहाड़ी संस्कृति की प्रतीक ओखली विलुप्त होने के कगार पर है। ऐसे में अब शायद किताबों में ही ओ से ओखली देखने को मिल पाएगी। खास खबर पहाड़ के गांव में अनाज कूटने की चक्की पहुंचने से अब गांवों में भी ओखली और मूसल की धमक कम सुनाई देती है।
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