एनआईए
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सेक्टर-5 निवासी कोयला कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ की कोठी पर फायरिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशेष अदालत में आतंकी गोल्डी बराड़ समेत दस आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।
आरोपपत्र में गोल्डी बराड़ व गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों के अलावा गुरविंद्र सिंह उर्फ लाडी, काशी सिंह उर्फ हैरी, शुभम कुमार गिरि उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, सरबजीत सिंह उर्फ सरबू और गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी के नाम शामिल हैं। एनआईए ने आतंकी गोल्डी बराड़ और उसके साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों निवासी राजपुरा (पंजाब) पर 10-10 लाख रुपये का इनाम भी रखा है।
आरोपपत्र में गोल्डी बराड़ को इस गोलीकांड का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है और उस पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकी गिरोह चलाने का भी आरोप है। एनआईए ने यह भी बताया है कि विदेश में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ और गोल्डी ढिल्लों ने अपने एसोसिएट यानी गिरोह के अन्य गुर्गों के जरिए सेक्टर-5 में कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर फायरिंग करवाई।
एनआईए के मुताबिक, इस आतंकी गिरोह के सरगना चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों में बड़े कारोबारियों, नेताओं, फाइनेंसरों व अन्य रसूखदारों का पता लगाने के लिए युवाओं को अपने गिरोह में शामिल करते हैं। गिरोह में शामिल होने वाले ये गुर्गे रसूखदार लोगों का पता लगाकर, उनका संपर्क नंबर विदेश में बैठे सरगना तक पहुंचाते हैं।
इसके बाद विदेश में बैठकर गोल्डी बराड़ और उसके गुर्गे रंगदारी के लिए इन रसूखदारों को फोन करते हैं। रंगदारी देने से मना करने पर हत्या कराने की धमकी और फायरिंग की वारदात कराकर अपने टारगेट को डराते हैं ताकि आसानी से रंगदारी वसूली जा सके।
कारोबारी मक्कड़ के घर पर फायरिंग के मामले में गोल्डी बराड़ और गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों को छोड़कर अन्य आठों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी जेल में हैं। हालांकि इन आरोपियों ने विशेष कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी जो पहले ही डिसमिस हो चुकी है।
बता दें कि इस मामले में पहले चंडीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी लेकिन विदेश में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ का नाम सामने आने के बाद 8 मार्च 2024 को एनआईए ने चंडीगढ़ पुलिस से इस केस को अपने हाथों में ले लिया।
क्या है मामला
जनवरी 2024 में सेक्टर-5 निवासी कोयला कारोबारी कुलदीप मक्कड़ के घर पर बदमाशों ने गोलियां चलाईं थीं। वारदात के समय कुलदीप घर में ही सोए हुए थे। गोलीबारी से पहले मक्कड़ को विदेशी नंबर से फोन आया था और बातचीत करने वाले ने खुद को गोल्डी बराड़ बताते हुए दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। बाद में उन्हें दोबारा फोन कर रंगदारी की रकम तीन करोड़ रुपये कर दी। रकम देने से इन्कार करने पर बदमाशों ने घर पर फायरिंग की। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले मोहाली जिले के मुल्लांपुर के नजदीक पड़ते गांव करतारपुर निवासी गुरविंद्र सिंह उर्फ लाडी को गिरफ्तार किया। उसने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए। कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस ने एक-एक कर कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें लाडी के अलावा शुभम कुमार गिरि उर्फ पंडित, अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, प्रेम सिंह, काशी सिंह उर्फ हैरी, सरबजीत सिंह उर्फ सरबू और गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी शामिल हैं।
क्यूआर कोड के जरिए आतंकी गोल्डी बराड़ तक पहुंचता है पैसा
आरोपपत्र में एनआईए ने बताया है कि आरोपी अमृतपाल सिंह और कमलप्रीत गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के पैसों का हिसाब-किताब रखते थे। अमृतपाल फोन के जरिए बराड़ के संपर्क में था। दोनों आरोपी आतंकी गतिविधि के साथ नशा तस्करी से भी जुड़े हैं। इनके खिलाफ पहले दर्ज मामले में यूएपीए की धारा 43-डी (2)(ए) भी लगाई गई है। आरोपी अमृतपाल सिंह ने खुलासा किया कि गुरप्रीत सिंह उर्फ गोल्डी ढिल्लों उसे नशीले पदार्थों की आय का कुछ हिस्सा जमा करने के निर्देश के साथ क्यूआर कोड और बैंक खाता भेजता था। जांच में यह बात सामने आई कि बराड़ के सहयोगी हथियारों और गोला-बारूद की खरीद/तस्करी, नशीले पदार्थों की बिक्री-खरीद, नशीले पदार्थों की आय का चैनलाइजेशन, रेकी कर बराड़ के बताए ठिकानों पर हमले आदि में शामिल थे। दोनों आरोपी अमृतपाल व कमलप्रीत बड़ी रकम को क्यूआर कोड या बैंक खाते के अलावा हवाला के जरिए भी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ तक पहुंचाने का काम करते थे।