Watch carbon dioxide move through Earth’s atmosphere.
With this high resolution model, scientists can see CO2 rising from sources like power plants, fires, and cities and watch how that CO2 spreads via wind patterns and atmospheric circulation. https://t.co/WQzQl0oQq1 pic.twitter.com/DWdELDZKVC
— NASA Earth (@NASAEarth) July 31, 2024
भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन खतरनाक स्तर पर पहुंचा
वीडियो में भारत और भारतीय उपमहाद्वीप से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों को भी देखा जा सकता है। नासा का कहना है कि भारत के ऊपर कार्बन डाइ ऑक्साइड की सांद्रता 420-460 पीपीएम है, जो कि खतरनाक स्तर है। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि कार्बन डाइ ऑक्साइड धुएं, बिजली संयंत्रों से, जंगल की आग और शहरों में गाड़ियों को धुएं आदि से निकलती है। नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण एशिया में कार्बन डाइ ऑक्साइड बनने की सबसे बड़ी वजहें बिजली संयंत्र, उद्योगों और कारों-ट्रकों आदि का धुआं है। पौधों द्वारा कार्बन डाइ ऑक्साइड का अवशोषण किया जाता है।
कार्बन डाइऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है और पृथ्वी के बढ़ते तापमान की इसे प्रमुख वजह माना जाता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड हमारे ग्रह को गर्म करती है। हालांकि धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिए कार्बन डाइ ऑक्साइड जरूरी है क्योंकि यह हमारे वायुमंडल को गर्म रखती है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा उत्पादन ग्रह को गर्म भी करता है।