नाभा जेल (फाइल फोटो)
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पंजाब की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली नाभा स्थित मैक्सिसम सिक्योरिटी जेल के ब्रेक की वारदात ने 27 नवंबर 2016 में पूरे देश को हिला दिया था। इस जेल ब्रेक को अपराधियों ने मात्र 12 मिनटों में अंजाम दिया था, लेकिन इस वारदात का मुख्य साजिशकर्ता रमनजीत सिंह उर्फ रोमी पंजाब पुलिस के हाथ में करीब 8 साल के बाद आ पाया है।
एक सदी से अधिक समय से इतिहास की गवाह रही नाभा जेल में पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू समेत कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को सितंबर 1923 में बंद रखा गया था। उन्हें नाभा रियासत में प्रवेश पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक नेहरू को नाभा जेल में करीब दो सप्ताह तक रखा गया था।
पूरी वारदात में क्या रही रोमी की भूमिका
रोमी नाभा जेल ब्रेक का मुख्य साजिशकर्ता है, जिसने नाभा जेल में बंद गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से वारदात को अंजाम दिया। रोमी ने वारदात को अंजाम देने के लिए फंडिंग की और बाद में फरार हुए अपराधियों को सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराई। साथ ही हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया। गौरतलब है कि रोमी जून 2016 में नाभा जेल गया और फिर जमानत पर बाहर आने के बाद हांगकांग भाग गया था। लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद अब रोमी को भारत लाया जा सका है। रोमी को साल 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार कर लिया गया था।
कैसे हुई थी पूरी वारदात
27 नवंबर 2016 की सुबह करीब 9 बजे पुलिस की वर्दी में तीन गाड़ियों में हथियारों से लैस होकर आए करीब 15 अपराधियों ने नाभा की मैक्सिसम सिक्योरिटी जेल पर हमला करके दो आतंकियों व चार गैंगस्टरों को छुड़ा लिया था। अपराधियों ने दरअसल जेल में एक कैदी को लाने का दिखावा किया। जिस पर मेन गेट पर तैनात गार्ड ने इन्हें अंदर जाने दिया। अंदर घुसते ही अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद वह बैरकों में घुस गए, जहां खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू, आतंकी कश्मीर सिंह व चार गैंगस्टरों हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ विक्की गौंडर, गुरप्रीत सिंह सेखों, कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा देयोल व अमनदीप सिंह उर्फ धोतियां इनका इंतजार कर रहे थे। आरोपियों ने एक जेल गार्ड से उसकी एसएलआर गन भी छीन ली और छह कैदियों को लेकर फरार हो गए थे। गांवों से होते हुए यह सभी हरियाणा के कैथल में प्रवेश करते हैं और फिर आगे निकल गए थे।