Haridwar Multan Jyot Mahotsav 2024: यह परंपरा साल 1911 में भक्त रूपचन्द ने शुरू की थी। भक्त रूपचन्द 1911 में अमन की जोत लेकर पाकिस्तान (तब देश का बंटवारा नहीं हुआ था) के मुल्तान शहर से पैदल चलकर हरिद्वार आए थे।
हरिद्वार में मुल्तान जोत महोत्सव
– फोटो : अमर उजाला
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हरिद्वार में आज 114 वां मुल्तान जोत महोत्सव मनाया जा रहा है। मुल्तान संगठन से जुड़े हजारों लोगों ने रविवार को हर की पैड़ी पर गंगा को दूध चढ़ाया और दूध की होली खेली। दूध से होली खेलने के बाद शाम को सभी श्रद्धालु मां गंगा में जोत प्रवाहित करेंगे।
मुल्तान जोत महोत्सव में देश के कई राज्यों से मुल्तानी समाज के लोग हजारों की तादाद में हरिद्वार पहुंचे हैं। सुबह के वक्त हर की पैड़ी पहुंचे अखिल भारतीय मुल्तान संगठन से जुड़े श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी पर हजारों लीटर दूध चढ़ाया और पुष्प भी अर्पित किए। इस दौरान हर की पैड़ी का नजारा किसी खास उत्सव की तरह नजर आया। संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि मुल्तान जोत महोत्सव विगत कई वर्षो से लगातार मनाया जा रहा है।
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