पीएम मोदी से मुलाकात करते मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू।
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चीन के प्रति लगाव दिखाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर अब नरम पड़ने लगे हैं। भारत की ओर से मालदीव के लिए बजट में कटौती और चेतावनी के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिवसीय दौरे पर भारत आए हैं। सोमवार को उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को मालदीव आने का निमंत्रण दिया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है।
भारत दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति ने सोमवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसे लेकर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच बातचीत मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित रही। इस दौरान अहम क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
मिस्री ने कहा कि चर्चा मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों और हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार, विकास साझेदारी, लोगों के बीच संपर्क, आर्थिक तथा व्यापार संबंधों पर केंद्रित रही। हालांकि कुछ क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात हुई। दोनों नेता मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हुए। इसके बाद दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में ही प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी की।
मुइज्जू बोले- मालदीव में बढ़ेगा भारतीय पर्यटकों के आने का सिलसिला
मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीयों से अपने देश की यात्रा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के बीच आपसी संपर्क लंबे समय से भारत और मालदीव के बीच संबंधों की नींव रहे हैं। मालदीव के लोग पर्यटन, चिकित्सा उद्देश्यों, शिक्षा और कई अन्य कारणों से भारत आते हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो मालदीव के विकास में योगदान दे रहे हैं। भारत हमारे सबसे बड़े पर्यटन स्रोत बाजारों में से एक है। हम मालदीव में और अधिक भारतीय पर्यटकों का स्वागत करने की उम्मीद करते हैं, जिससे हमारे लोगों के बीच साझा विकास और समझ को बढ़ावा मिलेगा।
इसलिए था तनाव
दरअसल पिछले साल मालदीव ने मुइज्जू की सरकार बनी। मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है। सरकार में आते ही मुइज्जू ने भारत विरोधी कई कदम उठाए,जिसकी वजह से रिश्ते खराब हो गए थे। मालदीव से भारतीय सेना की वापसी और पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर टिप्पणी से दोनों देशों के संबंध बिगड़े थे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले नवंबर में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर, भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को देश से वापस लेने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि उनकी उपस्थिति उनके देश की संप्रभुता के लिए खतरा थी। इसके बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस पर भारत के लोगों में गुस्सा भड़क गया और जमकर आलोचना की थी। ये आलोचना इस नौबत तक जा पहुंची कि सोशल मीडिया में हैशटैग ‘बॉयकॉट मालदीव’ ट्रेंड करने लगा था। बॉयकॉट के चलते मालदीव को भारी नुकसान हुआ। अब मालदीव के राष्ट्रपति इन संबंधों को सुधारने की कवायद में जुटे हैं।