विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला खामनेई।
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भारत ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयोतोल्ला खामनेई के भारतीय मुस्लिमों पर दिए बयान पर सख्त तेवर अपनाया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ईरान को किसी और के बारे में बात करने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जो देश भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं, उन्हें दूसरों के बारे में बोलने से पहले खुद अपने रिकॉर्ड को देखना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता के बयान की निंदा करते हैं। यह गलत जानकारी वाले और अस्वीकार्य बयान हैं।”
क्या बोले थे ईरान के सर्वोच्च नेता?
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला खामनेई ने सोमवार को तेहरान में मौलानाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए गाजा, म्यांमार और भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर चिंता जाहिर की थी।
ईरान में सबसे बड़ा है सुप्रीम लीडर का पद
ईरान में सर्वोच्च नेता 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद स्थापित एक पद है, जिसे शिया इस्लामी धर्मशास्त्र में वेलायत-ए फकीह के नाम से भी जाना जाता है। सर्वोच्च नेता ही ईरान में अंतिम शासक है और देश से संबंधित सभी प्रमुख निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। यानी ईरान में सर्वोच्च नेता ही हेड ऑफ स्टेट और कमांडर इन चीफ होता है।