Mahabir Nayak Gets Padma Shri For Preserving Jharkhand’s Music Says Hard Work Finally Paid Off News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

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Mahabir Nayak gets Padma Shri for preserving Jharkhand's music says hard work finally paid off News In Hindi

संगीतकार महाबीर नायक को पद्मश्री सम्मान
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को केंद्र सरकार ने पद्मा पुरस्कार विजेतों के नाम की सूची जारी की। इस सूची में देशभर के कई जाने माने तो कई गुमनाम नायकों का नाम शामिल है। सूची में ऐसा ही एक नाम झारखंड के महाबीर नायक का है। झारखंड के संगीत व संस्कृति को बचाने और इसके अस्तित्व को पुन: स्थापित करने में महाबीर नायक का बहुत बड़ा योगदान है। इसीलिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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आखिर रंग लाई मेहनत- नायक

केंद्र सरकार द्वारा जारी सूची में पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित होने के बाद महाबीर नायक ने अपनी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत अब रंग लाई है और यह सम्मान उन्हें और भी प्रेरित करेगा ताकि वे राज्य की कला, संस्कृति और संगीत को संरक्षित कर सकें। 

इन क्षेत्रों में महाबीर नायक का जलवा

बता दें कि महाबीर नायक को खास तौर पर नागपुरी भाषा के भिनसरिया राग, फगुवा, पावस और मर्दानी झूमर राग के लिए जाना जाता है। उन्होंने लगभग 500 गीत लिखे हैं और 1,000 से ज्यादा लोकगीतों का दस्तावेजीकरण किया है। इसके अलावा, उन्होंने 100 से अधिक कविताएं और गीत भी लिखे हैं। अब वे एक पुस्तक “गीत में स्वर” पर काम कर रहे हैं, जो जल्द ही प्रकाशित होने वाली है।

सम्मान लाखों लोगों के लिए प्रोत्साहन

महाबीर नायक आगे कहते है कि इस सम्मान से उन्हें और उनके जैसे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा जो कला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं। महाबीर नायक ने अपनी प्रेरणा अपने पिता से ली, जो एक झूमर कलाकार थे। उन्होंने रांची के हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) में भी काम किया, लेकिन अपने जुनून को कभी नहीं छोड़ा।

युवा पीढ़ी की रूची पर भी बोले महाबीर नायक

साथ ही उनका कहना है कि आजकल की युवा पीढ़ी बॉलीवुड और डीजे गानों में ज्यादा रुचि रखती है, जबकि उन्हें अपनी समृद्ध संस्कृति और संगीत में भी रुचि लेनी चाहिए। वे यह भी चाहते हैं कि लोग “स्थानीय संगीत बैठकें” आयोजित करें, जैसे पहले हुआ करती थीं, ताकि लोग अपनी संस्कृति को जान सकें और उसे संरक्षित कर सकें।






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