भाजपा का दक्षिण में ऐसा रहा प्रदर्शन
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उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में ठोकर के बावजूद भाजपा दक्षिण में बढ़ी है। केरल में एक सीट पर जीत और तेलंगाना व आंध्र में सीटों तथा मतों में बढ़ोतरी उसकी स्वीकार्यता में विस्तार का संकेत हैं। हालांकि तमिलनाडु में पार्टी का खाता नहीं खुल सका पर मत प्रतिशत बढ़ा है।
वहीं कर्नाटक में 2019 की तुलना में कम सीटें और कम मत मिले हैं। इसके बावजूद करीब 16.58 फीसदी मतों के साथ केरल में सीट पर जीत, आंध्र प्रदेश में तेलुगुदेशम के साथ गठबंधन में मिले 12 प्रतिशत मतों के साथ तीन सीटें और तेलंगाना में लगभग 35 प्रतिशत मतों के साथ पहले से दोगुनी सीटों पर जीत लोगों की सांस्कृतिक पहचान तथा अस्मिता सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री पर भरोसा बढ़ाती दिखती हैं। भाजपा की दक्षिण के राज्यों में बढ़ती पैठ सांस्कृतिक पुनर्जागरण का शंखनाद कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
भाजपा अयोध्या एवं आसपास की सीटें भले ही हार गई हो लेकिन इससे राम मंदिर के सरोकारों के विस्तार का महत्व कम नहीं हो जाता है। दक्षिण में कर्नाटक से बाहर भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ने के मूल में राम ही हैं। जिनको प्रतीक बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनातन संस्कृति और सरोकारों के जरिये दक्षिण के राज्यों में भाजपा की जगह बनाने की कोशिश की है। संबंधित राज्यों की सरकारों की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियां, उन्हें हर जगह तवज्जो, विशिष्ट पहचान देने के काम से इन राज्यों के हिंदू भी क्षुब्ध हैं। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद जिस तरह सनातन या हिंदू संस्कृति के सरोकारों को सम्मान देने का काम शुरू हुआ। उसने उनमें भी अपनी संस्कृति और विरासत को बचाने के लिए आवाज उठाने का साहस भरा। भले ही यह आवाज अभी बहुत कमजोर हो।
मोदी पर भरोसा बढ़ा रहा आधार
द हिंदू के वरिष्ठ सहायक संपादक रहे हरपाल सिंह भी कहते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण और रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के निमंत्रण के लिए दक्षिण के गांव-गांव हुई विश्व हिंदू परिषद और स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की यात्राओं तथा प्रधानमंत्री की दक्षिण राज्यों की धार्मिक यात्राओं से जो संदेश दक्षिण पहुंचा उससे यहां के सनातन धर्मावलंबियों को भी लगा कि मोदी जैसे नेता को समर्थन से उनके सांस्कृतिक सरोकारों और स्वाभिमान की रक्षा हो सकती है। ये सांस्कृतिक पुनर्जागरण ही तो है। बकौल सिंह प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्ववादी छवि और महिला सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता तथा अपराधियों के साथ बरती जा रही कठोरता ने भी सम्मान के संकट से सहमे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के हिंदुओं और खासतौर से महिलाओं में भाजपा और मोदी पर भरोसा बढ़ाया। ये ठीक है कि भाजपा को बहुत सीटें नहीं मिली लेकिन मत प्रतिशत में बढ़ोतरी भाजपा की भविष्य की उम्मीद बढ़़ाने वाला है।
केंद्र सरकार ने पूरी उदारता के साथ की आर्थिक सहायता
बिना किसी भेदभाव के प्रधानमंत्री ने दक्षिण के राज्यों के विकास पर फोकस किया, जिसका प्रमाण इसी वर्ष चुनाव से पहले उनके द्वारा केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हजारों करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास है। यह राज्यों की विकास की आकांक्षाओं उड़ान देने में पूरा सहयोग करने की केंद्र की प्रतिबद्धता का संदेश है। चुनाव घोषणा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण के राज्यों के दौरे पर वहां के लोगों को यह बताया भी कि उनसे पहले डॉ. मनमोहन सिंह सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि उनकी सरकार ने दस वर्षों में उससे चार गुना 120 लाख करोड़ रुपये दिए हैं । यह बताता है कि मोदी का प्रयत्न उत्तरी राज्यों की तरह दक्षिण के राज्यों को भी डबल इंजन सरकार का महत्व समझाना रहा है।
मन बदल रहा: मिलकर चलने को तैयार
देश में एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जिसका सारा जोर इस बात पर रहता था कि दक्षिण में सिर्फ जाति की राजनीति चलती है। कर्नाटक और केरल छोड़कर अन्य स्थानों पर लोग जातीय अस्मिता की पैरोकार क्षेत्रीय पार्टियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। वे राष्ट्रीय राजनीतिक धारा के साथ चलना ही नहीं चाहते। दक्षिण में भाजपा को मिले मत बता रहे हैं कि इन राज्यों के लोगों पर सिर्फ जाति और क्षेत्र के नाम पर वोट देने के आरोपों में बहुत दम नहीं है। वे भी देश के दूसरे हिस्से के लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं। बशर्ते उन्हें यह भरोसा हो जाए कि नेतृत्व करने वाला उनके सरोकारों को सम्मान देगा। उनकी संस्कृति की पहचान बनी रहेगी। राष्ट्रीय एजेंडे से उनके सरोकार उपेक्षित नहीं होंगे। ताज्जुब नहीं होना चाहिए कि काशी में तमिल संगमम्, काशी से कांची, राम से रामसेतु, अयोध्या से धनुषकोडि के सरोकारों से उत्तर से दक्षिण तक साध रहे मोदी आने वाले दिनों में दक्षिण के सांस्कृतिक सरोकारों और विरासत को विस्तार देने के लिए किसी नए एजेंडे पर काम करते नजर आएं।