Lok Sabha Polls 7th Phase Punjab Himachal Election Up Bengal Important For Nda Win India Alliance – Amar Ujala Hindi News Live

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लोकसभा चुनाव
– फोटो : amarujala

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लोकसभा चुनाव 2024 अपने आखिरी और अंतिम पड़ाव की तरफ है। 1 जून को 8 राज्यों की 57 सीटों (10.50 प्रतिशत)के लिए मतदान होगा। एनडीए और इंडिया गठबंधन के लिए यही दौर अंतिम और यही दौर भारी रहने वाला है। एनडीए के पास 2019 में बिहार की 8 सीटों में जहां सभी (5 भाजपा, 3 जदयू) उसके पास थी, वहीं उत्तर प्रदेश की 13 सीटों में से 11 (9 भाजपा, 2 अपना दल(एस)) पर उसे सफलता मिली थी। 2014 में सभी पर क्लीन स्वीप किया था। इस 2024 में सफलता मिली तो 9 सीट पर भाजपा और एक पर अपना दल(1) हैट्रिक लगाएगा। वहीं इंडिया गठबंधन का सिक्का चला तो उत्तर प्रदेश और बिहार में आखिरी चरण की 21 सीटों उसका खाता खुल जाएगा।

संघ के नेता ओंकार नाथ शुक्ला कहते हैं कि हम उत्तर प्रदेश में 2014 का और बिहार में 2019 का रिकार्ड दोहराएंगे। 2019 में सातवें चरण की गाजीपुर और घोसी की सीट बसपा ने जीत ली थी, लेकिन इस बार सभी 21 सीटें एनडीए के खाते में रहेंगी। जबकि लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, भदोही से चुनाव ड्यूटी करके लौट रहे सुरक्षा बलों के जवानों का आंकलन है कि यह 2024 का चुनाव है। न कि 2014 का और न ही 2019। नतीजा बिल्कुल अलग होगा। अवध, प्रयागराज और पूर्वांचल क्षेत्र की सीटों पर जीत के अनुमान लेकर भाजपा के प्रयागराज क्षेत्र के नेता का कहना है कि हम सब नहीं जीत रहे हैं। कुछ पर लड़ाई कांटे की है। सूत्र का कहना है कि गोरखपुर के चुनाव से लोटकर 02 जून को वह अपनी स्पष्ट राय देंगे।

उत्तर प्रदेश में इसलिए भी अहम है सातवां चरण

भाजपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में आईटी सेल के नेता के मुताबिक सातवें चरण में मुकाबला दिलचस्प होगा। सूत्र का कहना है कि 13 सीटों पर चुनाव होना है। इनमें 65 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 65 में 43 विधानसभा क्षेत्र से 2022 में भाजपा के विधायक जीते हैं। 11 विधानसभा में सपा,02 में अपना दल(एस),04 पर सुभासपा और 03 पर निषाद पार्टी के विधायक हैं। सूत्र का कहना है कि एनडीए के घटक दलों को जोड़ लिया जाए तो 52 विधानसभा पर एनडीए को जीत मिली है। समाजवादी पार्टी के सचिव सुशील दूबे भी चुनावी सर्वेक्षण और चुनावी गणित पर चार्ट तैयार कर रहे हैं। सुशील दूबे का कहना है कि जमीनी लड़ाई को समझना होगा। 2022 में चार दल लड़े थे। सपा, रालोद के साथ लड़ी थी। इस बार कांग्रेस है और उसका पूर्वांचल में भी वोट है। देखते जाइए, सभी आंकड़ेबाजी धरी की धरी रह जाएगी।

2019 में छवें चरण तक भाजपा के पास 486 में थी 278 सीट

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे पर गौर करें तो छठवें चरण तक 486 सीटों के चुनाव हो चुके हैं। इनमें से 278 सीट भाजपा के पास थी। इसलिए 7 वें चरण का खासा महत्व है। इस चक्रव्यूह को तोडऩे के बाद भाजपा 2019 के आधार पर 300 सीटों को पार कर पाएगी। हालांकि इस बार भाजपा का नारा 370 सीटों के पार का और एनडीए के 400 सीटों के पार का है। भाजपा के उ.प्र. के पूर्व महासचिव कहते हैं कि 400 पार तो एक चुनावी पारा था। इसको लेकर प्रधानमंत्री ने खुद एक टीवी के इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया है। सूत्र का कहना है कि 7वें चरण में भाजपा और एनडीए अच्छा प्रदर्शन कर रही है और लोकसभा चुनाव 2024 में 325 आस पास अकेले भाजपा की सीटें आने का अनुमान है।

पंजाब में क्या कांग्रेस बचा पाएगी अपनी इज्जत?

पंजाब में 01 जून को 13 सीटों पर मतदान होना है। 2019 में इनमें से 08 सीट कांग्रेस के पास, एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। 02 सीट पर भाजपा और 02 पर शिरोमणि अकालीदल को सफलता मिली थी। आम आदमी पार्टी के नेता डा. अरुण धवन कहते हैं कि इस बार लड़ाई तगड़ी है। आम आदमी पार्टी 08 सीट जीत सकती है। कांग्रेस 03 सीट पर अच्छा लड़ रही है। भाजपा भी तीन सीट पर कांटे के मुकाबले में है। अरुण धवन कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के पुराने दिग्गजों के पार्टी छोड़ देने से उसे नुकासन हो रहा है। इसके कारण भाजपा को एक सीट अधिक मिल सकती है। जबकि आम आदमी पार्टी पहली बार राज्य की लोकसभा में नंबर-1 पार्टी बनने की ओर है।

पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, हिमाचल, झारखंड में भी है कड़ा मुकाबला

सातवें चरण की 57 सीटों में 2019 में भाजपा ने अकेले 25 सीटें जीती थी। बिहार और उ.प्र. में 05 सीट सहयोगी दलों ने जीती थी। भाजपा के आईटी सेल के अमित मालवीय भी लगातार आकलन करने में लगे हैं। समाजवादी पार्टी के संजय लाठर कहते हैं कि भाजपा का यह गणित तो उ.प्र. के साथ-साथ बिहार में भी बिगडऩे वाला है। पश्चिम बंगाल में भाजपा 2019 दोहरा ले तो बड़ी बात है। गौरतलब है कि सातवें चरण में चंडीगढ़ की एक सीट, हिमाचल की 04, पश्चिम बंगाल की 09, झारखंड की 03 और उड़ीसा की 06 सीट पर मतदान होना है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नड्डा, शाह, राहुल गांधी, अखिलेश, ममता, तेजस्वी ने झोंकी ताकत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उ.प्र. में चुनाव प्रचार के लिए काफी समय दे रहे हैं। प्रधानमंत्री की 70 साल पार के उम्र और 40 डिग्री पार के तापमान में जोश की तारीफ करनी चाहिए। वह हर दिन औसतन 4 से 5 तक जन सभा कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी ताकत झोंक दी है।

बनारस में प्रियंका गांधी वाड्रा और डिंपल यादव के रोड शो में भीड़ तो खूब आई। लेकिन भीड़ का वोट में बदलने का अंकड़ा थोड़ा अलग होता है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड-शो, नुक्कड़ सभाएं और जनसभाओं के जरिए पूरी ताकत झोंक दी है। वह हिमाचल, पंजाब समेत दूसरे राज्यों को भी काफी समय दे रही हैं। अखिलेश यादव ने उ.प्र. में पीडीए के अपने सोशल इंजीनरिंग के दांव को बड़ी चतुराई से अजमाया है। अखिलेश यादव का पूरा जोर गाजीपुर, घोषी, गोरखपुर, बलिया की सीट का समीकरण बदलने पर है।

 



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