
एलजी वीके सक्सेना
– फोटो : अमर उजाला
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दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने मेयर शैली ओबेरॉय को आदेश दिए कि तुरंत स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव कराया जाए। एलजी ने कहा है कि अगर महापौर चुनाव के लिए राजी नहीं होती हैं तो उप महापौर अध्यक्षता करें। इसके बाद भी उप महापौर के तैयार न होने पर वरिष्ठ पार्षद बैठक की अध्यक्षता करें। वहीं खबर है कि स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए चुनाव आज नहीं होगा। चुनाव की तिथि और समय बाद में सूचित किया जाएगा।
इससे पहले एमसीडी की सदन की बैठक में मोबाइल फोन के साथ प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने सदन के बाहर धरना देते हुए आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना था कि मोबाइल फोन का उपयोग उनकी अभिव्यक्ति का अधिकार है और इस तरह का प्रतिबंध अस्वीकार्य है। वहीं, भाजपा के पार्षदों ने पांच अक्तूबर तक सदन की बैठक स्थगित करने के खिलाफ सदन के अंदर नारेबाजी की। इसके अलावा मेयर कार्यालय के बाहर धरना दिया।
आप के पार्षदों ने कहा कि मोबाइल फोन का प्रतिबंध के संबंध में उन्होंने आयुक्त के आदेश को तानाशाही करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। इतना ही नहीं, उन्होंने नारेबाजी करते हुए आयुक्त की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि आयुक्त भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहे है। वह उनके इस तरह के आदेश को नहीं मानेंगे। उन्होंने करीब दो घंटे तक सदन के बाहर धरना देने के साथ-साथ नारेबाजी की।
दूसरी ओर भाजपा पार्षदों ने मेयर के पांच अक्तूबर तक बैठक स्थगित करने के कदम को स्थायी समिति के गठन को लटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने सदन के अंदर काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद मेयर कार्यालय के बाहर धरना दिया।
पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र की हत्या: मनीष सिसोदिया
स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। क्या आफत आ गई जो एलजी ने रात में चुनाव कराने का आदेश दिया। एक घंटे के नोटिस पर चुनाव करना गैर संवैधानिक है। बिना पार्षदों के कैसे चुनाव होगा? आफ और कांग्रेस के पार्षद घर जा चुके हैं। चुनाव रुकवाने के लिए हम वकीलों की सलाह ले रहे हैं। केवल भाजपा के पार्षदों की मौजूदगी में चुनाव कराने का आदेश दिया गया है।