Know Reasons Of Sarabjit Singh Khalsa Victory From Faridkot – Amar Ujala Hindi News Live

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Know reasons of sarabjit singh khalsa victory from Faridkot

सरबजीत सिंह खालसा
– फोटो : फाइल

विस्तार


साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले समेत उससे जुड़ी बहिबल कलां व कोटकपूरा गोलीकांड की घटनाओं का सिख समाज को अभी तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। इसी मुद्दे को लेकर साल 2017 में कांग्रेस से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में सरकार बनाई, लेकिन पांच साल तक कुछ नहीं किया। 

साल 2022 में आम आदमी पार्टी ने 15 दिन में इंसाफ दिलाने का वादा किया और सवा दो साल बीत जाने पर भी इंसाफ अधर में लटका हुआ है। ऐसे में राजनीतिक दलों की बेरूखी से निराश फरीदकोट के लोगों ने इस बार लोकसभा चुनाव में पंथक नेता सरबजीत सिंह खालसा के अपार समर्थन दे डाला।

गौरतलब है कि बतौर आजाद उम्मीदवार मैदान में कूदे सरबजीत सिंह खालसा के पिता बेअंत सिंह ने आप्रेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की थी। पंथ के लिए जान लेने और जान गंवाने वाले बेअंत सिंह के बेटे को फरीदकोट के लोगों ने सिर आंखों पर बिठा दिया। सरबजीत सिंह खालसा ने न सिर्फ बेअदबी व गोलीकांड की घटनाओं में इंसाफ का मुद्दा उठाया बल्कि उन्होंने बंदी सिंहों की रिहाई करवाने समेत पंजाब में बढ़े नशे के खात्मे में प्रयास का वादा करके पंथक क्षेत्र में अपनी पकड़ को मजबूत किया, जबकि बाकी राजनीतिक पार्टियां ने इन मसलों के किनारा करके रखा और मात खा गए।

लीडरशिप के अभाव में कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवार

यहां पर कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवार को लीडरशिप के अभाव से जूझना पड़ा। कांग्रेस की अमरजीत कौर साहोके को स्थानीय होने के बावजूद तीसरा स्थान मिला। संसदीय क्षेत्र से सम्बंधित प्रदेश अध्यक्ष राजा वड़िंग भी लुधियाना में खुद के चुनाव में व्यस्त रहे और उनके प्रतिनिधित्व वाले गिद्दड़बाहा क्षेत्र में भी साहोके हार गई। बाकी नेता भी साहोके की ठोस मदद नहीं कर पाए और उन्हें सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में ही हार का मुंह देखना पड़ा। उधर अकाली दल से अलग होकर पहली बार चुनाव लड़ने वाली भाजपा का क्षेत्र में कोई खास आधार नहीं था और गायक हंसराज हंस जैसा बड़ा चेहरा भी भाजपा को रास नहीं आया। हालांकि शहरी क्षेत्र में भाजपा की वोट बढ़ी लेकिन किसानों के विरोध के कारण ग्रामीण क्षेत्र में उनका कोई जादू नहीं चल पाया।

आप के 8 में से 2 विधायक ही रखे पाए लाज

फरीदकोट संसदीय क्षेत्र में शामिल 9 विधानसभा क्षेत्रों में से 8 पर आम आदमी पार्टी काबिज हैं, लेकिन साल 2022 के चुनावों में बेमिसाल जीत अर्जित करने वाले इन 8 विधायकों में से फरीदकोट व कोटकपूरा के विधायक ही पार्टी की लाज रख पाए जबकि बाकी छह विधायकों को जनता ने नकार डाला। सरबजीत सिंह खालसा को कांग्रेस के कब्जे वाले गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र समेत 7 क्षेत्रों में व्यापक बढ़त मिली जबकि फरीदकोट व कोटकपूरा में आप के कर्मजोत अनमोल कुछ आगे रहे।



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