किरेन रिजिजू
– फोटो : ANI
विस्तार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को राजनीति में होते बदलाव पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संसद में पहले मुद्दों को लेकर चर्चा होती थी, लेकिन आज शोर गूंजता है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों की मानसिकता बदली है। उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अच्छे काम की सराहना करते हैं।
समाज में उत्कृष्ट सेवा के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सेवा भारती और संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसको संबोधित करते हुए रिजिजू ने कहा, ‘मैंने पिछले कुछ वर्षों में राजनीति में बदलाव होते देखा है। आज आप अच्छा काम करके भी वोट नहीं पा सकते…अगर आप किसी अच्छी चीज के बारे में बात करते हैं तो कोई सुनता भी नहीं है।’
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से भी सामाजिक व्यवस्था बहुत बिगड़ गई है। आज एक संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते, मैं सोचता रहता हूं कि जब हम नए सांसद बने थे, तो हमारे पास कितने अच्छे विचार थे। लोकसभा और राज्यसभा में अद्भुत चर्चाएं होती थीं। आज इतना शोर है कि अच्छा बोलने वालों की कोई सुनने को तैयार नहीं है।
रिजिजू ने आगे कहा कि मैं अन्य सांसदों से इसके बारे में पूछता हूं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, क्योंकि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। वे कहते हैं कि अगर आप अच्छी चीजों के बारे में बात करते हैं तो मीडिया इसे कवर नहीं करता है। अगर आप संसद में गाली देते हैं और हंगामा करते हैं, तभी यह खबर बनती है।
केंद्रीय मंत्री ने छात्रों के सीखने के परिणाम पर भी निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मैं सीमावर्ती क्षेत्र से आता हूं। मेरे बचपन में वहां कोई स्कूल और सड़क नहीं थी। हमारे पास कोई सुविधा नहीं थी। शिक्षक, विशेष रूप से यूपी, बिहार, बंगाल और असम से, चार-पांच किलोमीटर की यात्रा करके हमारे गांव आते थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने हमें मूल्यों और समाज के बारे में जो सिखाया, हम कभी नहीं भूले। लेकिन, आज बच्चे कॉन्वेंट और पब्लिक स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसे कई स्कूल हैं, जहां शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है। लेकिन, मुझे लगता है कि जिस तरह की शिक्षा हासिल करनी चाहिए, उसमें कहीं न कहीं कमी दिख रही है।
रिजिजू ने कहा कि समाज में अच्छे लोग हैं जो देश के भविष्य के निर्माण के बारे में सोचते हैं लेकिन एक वर्ग ऐसा भी है जो कोई योगदान नहीं देता और समाज को गलत तरीके से प्रभावित करता है।