सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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केरल की एक अदालत ने 2016 के आईईडी विस्फोट मामले के तीन दोषियों को गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। ये तीनों आरोपी मदुरई के निवासी हैं और इन पर आतंकवाद से जुड़े अपराधों का आरोप था। विस्फोट कोल्लम के कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ था।
तीनों दोषियों को उम्रकैद और 30 हजार का जुर्माना
अभियोजक सचिन जी. मुंडक्कल ने बताया कि कोल्लम के जिला प्रधान सत्र न्यायाधीश जी. गोपाकुमार ने अब्बास अली, शमसुन करीब राजा और दाऊद सुलेमान को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, इन तीनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के आरोप के तहत भी 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। तीनों दोषी आतंकवादी संगठन अल-कायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन के विचारों को बढ़ावा देने वाले समूह से भी जुड़े थे।
कलेक्ट्रेट परिसर में वाहन में हुआ था जोरदार धमाका
यह विस्फोट 15 जून 2016 को हुआ था। आईईडी (इन्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को एक टिफिन बॉक्स में छिपाया गया था, जो कलेक्ट्रेट परिसर में खड़े एक वाहन में फट गया था। मंसीफ कोर्ट के पास सुबह करीब 10.45 बजे जोरदार धमाका हुआ था। आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) , आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
देशभर के कोर्ट परिसरों में विस्फोट की बनाई थी योजना
पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले की जांच की थी। जांच में पता चला था कि आरोपियों ने देशभर में कोर्ट परिसरों में बम विस्फोट की योजना बनाई थी। उन्होंने इससे पहले आंध्र प्रदेश के चित्तूर, कर्नाटक के मैसूर और केरल के मलप्पुरम में भी विस्फोट किए थे। पहले आरोपी अब्बास अली ने अपने घर पर बम तैयार किया था। जबकि दूसरे आरोपी शमसुन करीम राजा ने उसे कलेक्ट्रेट में रखा था और तीसरे आरोपी दाऊद सुलेमान ने सोशल मीडिया पर विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। यह मामला कोल्लम पश्चिम थाने में दर्ज हुआ था और जाच कोल्लम के सहायक पुलिस आयुक्त ने की थी। बाद में एनआईए ने मामले की गहन जांच की और आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
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