Kekari: Drama Based On The Life Of Lord Neminath Was Staged, Lord’s Procession Took Place In A Grand Ceremony – Amar Ujala Hindi News Live

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Kekari:  Drama based on the life of Lord Neminath was staged, Lord's procession took place in a grand ceremony

राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला

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रविवार को श्री जैन श्वेतांबर तपागच्छ संघ केकड़ी के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में निकली राजकुमार नेमीकुमार की भव्य बारात देखकर लोग दंग रह गए। 22वें जैन तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान के जीवन चरित्र पर आधारित ‘राज से वैराग्य की ओर’ का अभूतपूर्व मंचन किया गया, जिसमें श्रद्धा व भक्ति से ओत-प्रोत हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। प्रागैतिहासिक काल में राजा महाराजाओं के विवाह समारोहों व बारात के असाधारण व अतिभव्य प्रसंगों के अनुरूप प्रस्तुत किए गए इस कार्यक्रम ने देखने वालों को अभिभूत कर दिया।

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विविध प्रकार के संगीत व नृत्य प्रस्तुत करते हुए कलाकारों के साथ घोड़ों से जुती एक दर्जन बग्गियों व भगवान के रथ सहित भारी-भरकम लवाजमे के साथ निकली भगवान नेमीकुमार की बारात की भव्यता देखने लायक थी।

बारात के लवाजमे में नेमीनाथ भगवान का रथ, सुसज्जित बग्घियों में परिवार के साथ उनके पिता महाराजा समुद्र विजय व राजा उग्रसेन, गोपियों व रानियों के साथ श्रीकृष्ण, मित्रों के साथ दूल्हा राजकुमार नेमीकुमार, सखियों के साथ दुल्हन राजकुमारी राजुल, मंत्री, राज ज्योतिषी, सेनापति, महापुरुषों की वेशभूषा में सुसज्जित बालक, सोलह सतियां, विभिन्न वेशभूषा में सुसज्जित बाराती, रंगोली, कुचीपुड़ी नृत्य, बैनर, इन्द्रध्वजा, ध्वज पताका धारण कर दो अश्वरोही, कच्छी घोड़ी नृत्य, अलगोजा मंडली, मंगल कलश, जैन ध्वज लेकर महिलाएं, सुप्रसिद्ध बैण्ड, वीरमगाम  की शहनाई, साध्वी मण्डल, ढोल, परमात्मा का रथ आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।

बारात का शुभारंभ सब्जी मंडी स्थित आराधना भवन से हुआ। बारात चन्द्रप्रभु मंदिर, घंटाघर, अजमेरी गेट, अस्पताल रोड, बड़ पीपलेश्वर महादेव मंदिर, खिड़की गेट, पटवार घर, सदर बाजार, लक्ष्मीनाथ मंदिर, देवगांव गेट होते गोशाला सत्संग भवन पहुंची। इस दौरान बारात का दिगम्बर जैन चन्द्रप्रभ चैत्यालय सहित शहर के दर्जनों स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत किया गया।

मुख्य कार्यक्रम स्थल गौशाला सत्संग भवन पहुंचने पर नेमीकुमार की बारात का साध्वी सौम्यप्रभा की अगुवाई में समाज के सैकड़ों महिला-पुरुषों और आबाल वृद्धों ने मोतियों की माला, रत्नों के तिलक एवं सुगंधित व सुवासित प्रसाधनों से भव्य स्वागत किया गया। यहां तत्कालीन रीति-रिवाजों के अनुसार वधू पक्ष की ओर से दूल्हा बने नेमीकुमार व उनकी बारात की अगवानी की क्रियाएं की गईं। इसके बाद भगवान नेमीनाथ के जीवन वृत्त से संबंधित नाटिका का मंचन किया गया।



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