कर्नाटक सरकार राज्य में सिंचाई नहरों से पानी की चोरी को रोकने के लिए जल्द ही कानून बनाएगी। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है।
डिप्टी सीएम शिवकुमार ने सिंचाई नहरों से पानी की चोरी को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि इस संबंध में बिल लगभग तैयार है। एक सप्ताह के अंदर सरकार विधानसभा में विधेयक को पेश करेगी। शिवकुमार राज्य के जल संसाधन मंत्री भी हैं।
‘प्रश्नकाल’ के दौरान जामखंडी से भाजपा विधायक जगदीश शिवय्या गुडागुंती के एक सवाल का जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा कि मांड्या, हसन, बागलकोट, विजयपुरा, कालाबुरागी जैसे सिंचाई परियोजनाओं वाले जिलों में पानी की चोरी एक बड़ी समस्या है। जिसके कारण अंतिम क्षेत्रों तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
येतिनाहोल परियोजना पर चिंता जताते हुए डिप्टी सीएम ने कहा किबोरों या मोटरों का उपयोग करके नहरों से पानी खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार पहले ही इस परियोजना पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। मुझे डर है कि पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंचेगा।’
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि येतिनाहोल परियोजना का लक्ष्य कोलार, चिक्काबल्लापुर, तुमकुरु, रामानगर और बेंगलुरु शहरी जिलों के कुछ हिस्सों की पेयजल मांगों को पूरा करना है।
शिवकुमार ने राजनीतिक और सार्वजनिक नेताओं से नहरों से पानी की चोरी रोकने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों या निर्वाचन क्षेत्रों में काम करने का भी अपील की।
एक महीने पहले दूषित पानी पीने से दो लोगों की मौत हो गई थी
कर्नाटक के तुमाकुरू जिले के चिन्नेनाहल्ली गांव में दूषित पानी पानी से कुछ दिन पहले दो लोगों की मौत हो गई थी। बताया गया है कि 10 जून को चिन्नेनाहल्ली गांव में एक मेले का आयोजन कराया गया था। इस दौरान वहां पानी की टंकी से पेयजल की व्यवस्था की गई थी। बताया गया है कि इस पानी को पीने से सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए थे। बता दें कि गृहमंत्री जी परमेश्वर तुमाकुरू जिले के प्रभारी हैं।